आकोला पालिका के EO व LDC पर गंभीर आरोप
ठेकेदार बोले-बिना सूचना के टेंडर खोले अधिकारी बोले-सभी को बुलाया था
चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ की आकोला नगरपालिका में श्रमिक आपूर्ति वाले कामों में पार्षदों और ठेकेदारों को बिना सूचना दिए टेंडरों की कॉपी खोलने का मामला सामने आया है। सबके आपत्ति जताने पर LDC द्वारा धमकी देने की भी बात सामने आई। इस संबंध में ठेकेदारों ने सरकार से सभी टेंडर निरस्त कर दुबारा करवाएं जाने की मांग की है।
ठेकेदारों ने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और LDC पर अपने चहेतों को टेंडर दिए जाने का आरोप लगाया है। वहीं, EO का कहना है कि यह आरोप झूठा है, सबको सूचना दी गई थी।
दरअसल, नगर पालिका आकोला द्वारा 2024-25 के लिए 20 कामों के वार्षिक अनुबंध के लिए टेंडर मांगे गए थे। इस टेंडर में श्रमिक आपूर्ति (मैनपावर) वाले काम थे। इसकी कॉपियां रेडी करवाई गई। 5 मार्च को सभी टेंडर की कॉपी को अलग-अलग लिफाफों में भरकर एक लोहे की पेटी और एक खुले कार्टन में रखे गए थे। बॉक्स को तो सील कर दिया गया था लेकिन नियम विरुद्ध कार्टन को सील नहीं किया गया। 7 मार्च को नगर पालिका परिसर में टेंडर प्रक्रिया के लिफाफे खोले गए। पार्षदों और ठेकेदारों का कहना है कि हमें इसकी सूचना नगर पालिका से नहीं मिली।
बंद कमरे में खुला टेंडर
जब नगर पालिका परिसर पहुंचे तो पता चला एक बंद कमरे में 2 ठेकेदारों (EO का ड्राइवर), LDC और पालिका अध्यक्ष पति के उपस्थिति में यह टेंडर खोला गया है। आपत्ति जताने पर नगर पालिका अध्यक्ष के पति शंकर लाल मालीवाल बाहर निकल आया। LDC प्रकाश शर्मा, 2 ठेकेदार मिलकर लिफाफा को फाड़कर हेरा फेरी कर रहे थे। LDC प्रकाश शर्मा आपत्ति जताने वाले ठेकेदारों को धमकी देने लगा। EO भानुप्रताप सिंह खुद भी मौके पर मौजूद नहीं था। जब फोन पर बात हुई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि इस टेंडर को निरस्त कर नए तरीके से प्रक्रिया करवाई जाएगी।
पुलिस ने भी सीलबंद कर रख दिए सभी लिफाफे
अधिशासी अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने यह सारे टेंडर वापस खोले। कुछ लिफाफे खोलने के बाद उन्होंने अगले दिन टेंडर के लिफाफे खोलने की बात कही। लेकिन अगले अधिशासी अधिकारी खुद नहीं पहुंचा। 2 दिन बाद अधिशासी अधिकारी के अनुपस्थिति में LDC नंदलाल मेनारिया और प्रकाश शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि टेंडर तो हो गए। लेकिन फर्म का नाम बताने से इंकार कर दिया। इस बात पर भी जब ठेकेदारों ने आपत्ति जताई तो पुलिस को बुला लिया गया। लेकिन पुलिस को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने सबसे टेंडर की कॉपी वापस लेकर सील बंद कर उन्हें ऑफिस में रखवा दिया।
EO बोले- सभी को बुलाया था
सभी ठेकेदारों ने राजस्थान सरकार से टेंडर को निरस्त कर दोबारा करवाने की मांग की है। साथ ही, अधिशासी अधिकारी और LDC के द्वारा अपने चहेतों को टेंडर देने का आरोप लगाते हुए विभागीय कार्रवाई करने की मांग की है। इस पूरे मामले में पालिका अध्यक्ष तारा देवी मालीवाल के पति शंकर लाल मालीवाल का कोई लेना देना नहीं था। लेकिन वह भी लिफाफे खोलना के दौरान मौजूद थे। जब इस बारे में पालिका अध्यक्ष के पति शंकर लाल मालीवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अधिशासी अधिकारी के कहने पर यह लिफाफे खोले गए थे। अधिशासी अधिकारी भानु प्रताप से इन आरोपों के बारे में पता किया तो उन्होंने कहा कि सबको सूचना देकर ही लिफाफे खोले गए थे।