– टीपीआईए प्रक्रिया पर जताया असंतोष, कहा-बदलेंगे व्यवस्था
– पीएचईडी मंत्री ने ली संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक
– जल जीवन मिशन और ग्रीष्म ऋतु में निर्बाध जलापूर्ति प्रबंधन को लेकर दिए निर्देश
उदयपुर, 1 मार्च। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा भूजल विभाग मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने शुक्रवार को उदयपुर में पटेल सर्कल स्थित पीएचईडी कार्यालय के सभागार में संभागीय स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक ली। इसमें उन्होंने जिले वार कामों की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान निर्बाध पेयजल आपूर्ति को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट के हालात बनते हैं। इसके लिए अभी से चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सभी जिला कलक्टर्स को आपातकालीन बजट उपलब्ध करा रखा है। आवश्यकता होने पर बजट और भी मिल जाएगा। हैण्डपंप दुरस्त कराएं जाएं, जहां आवश्यकता हो अतिरिक्त पाइप डालकर हैंडपंप तैयार कराएं। जरूर पड़े तो टैंकरों की व्यवस्था रखें, लेकिन पेयजल आपूर्ति को लेकर आमजन को दिक्कतें नहीं आनी चाहिए। मंत्री ने उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, सलूम्बर और चित्तौडगढ जिलों में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जानी। न्यून प्रगति वाले कामों पर संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया। साथ ही अन्य विभागीय परियोजनाओं को लेकर भी फीडबैक लिया। मंत्री ने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी (टीपीआईए) की प्रक्रिया पर असंतोष जताते हुए जल्द ही इसमें सुधार के लिए व्यवस्थागत बदलाव के संकेत दिए।
प्रारंभ में पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मोहनलाल सैनी, अधीक्षण अभियंता ललित नागौरी सहित सभी अधिकारियों ने मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, सांसद कनकमल कटारा तथा विधायकगणों का स्वागत किया। भारत मजदूर संघ सहित श्रमिक संगठनों ने भी मंत्री चौधरी का अभिनंदन करते हुए अभाव-अभियोगों को लेकर ज्ञापन सौंपे।
अमृत-2 योजना में ग्राउंड लेवल से फीडबैक लेकर बनाएं प्रस्ताव
बैठक में मंत्री चौधरी ने अवगत कराया कि केंद्र सरकार की ओर से अमृत-2 योजना के लिए बजट उपलब्ध कराया गया है। पूर्व में इस योजना में तैयार किए गए प्रस्तावों को फि लहाल समीक्षा के लिए रोका गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि आगामी 15 दिन में जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी करते हुए ग्राउण्ड लेवल से फीडबैक लेकर प्रस्ताव तैयार किए जाएं। इसमें पुरानी पाइप लाइनों के सुदृढ़ीकरण के कामों को भी शामिल करें।
एप से होगी टंकी सफाई मॉनिटरिंग
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पेयजल टंकियों की नियमित सफाई का मुद्दा भी उठाया। इस पर मंत्री चौधरी ने बताया कि टंकी सफाई की मॉनिटरिंग के लिए एप तैयार कराया गया है। इससे प्रदेश के सभी उच्च जलाशयों (पानी की टंकियां) को जोड़ा जा रहा है। इसमें सफाई की तिथि का भी इंद्राज किया जा रहा है। सफाई की अगली तिथि नजदीक आने पर संबंधित अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता को मैसेज के माध्यम से अपडेट मिलेगा, जिससे समय पर उनकी सफाई हो सके।
जनप्रतिनिधियों ने रखी समस्याएं
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र की पेयजल संबंधी समस्याओं से अवगत कराया। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद कनकमल कटारा ने जनजाति अंचल के दोनों जिलों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन और अन्य परियोजना के कई काम लंबे समय से पूर्ण नहीं हुए हैं। ठेके सबलेट करने की परंपरा के चलते कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। इस पर मंत्री ने बांसवाड़ा और डूंगरपुर के अधीक्षण अभियंताओं से वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। पूर्व सांसद मानशंकर निनामा ने भी अपने क्षेत्र की समस्याएं बताई। उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने भुवाणा क्षेत्र में 20 हजार आबादी पेयजल सुविधा से वंचित होना बताया। इस पर मंत्री ने उक्त क्षेत्र को अमृत-2 में शामिल कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। मीणा ने सीसारमा, नई, तितरड़ी आदि क्षेत्रों की समस्या से भी अवगत कराया। उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कई क्षेत्रों में आधी रात को जलापूर्ति किए जाने, लाइनमैन द्वारा समय पर आपूर्ति नहीं करने, स्मार्टसिटी क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर स्मार्टसिटी लिमिटेड और पीएचईडी में समन्वय नहीं होने जैसे कई समस्याएं बताई। इस पर मंत्री ने स्मार्टसिटी व पीएचईडी की संयुक्त बैठक बुलवाकर तत्काल समस्या का समाधान कराने के निर्देश दिए। राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारी ने भी अपने क्षेत्र की पेयजल परियोजना तथा शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याएं रखी।