दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना में आवेदन आमंत्रित
उदयपुर, 20 फरवरी। जिला उद्योग केन्द्र की ओर से डॉ. भीमराव अम्बेड़कर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना 2022 के तहत आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक शैलेन्द्र शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्यक्रमों एवं कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के जीवन स्तर में वृद्धि करने के उद्देश्य से राज्य के गैर-कृषि क्षेत्रों यथा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार के विकास में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग का योगदान एवं प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने हेतु इस योजना के माध्यम से लक्षित वर्गों को उद्योग, सेवा एवं व्यापारिक गतिविधियों से सम्बन्धित परियोजना की स्थापना, विस्तार, विविधकरण, आधुनिकीकरण हेतु विभिन्न प्रकार की सहायता एवं सुविधाएं प्रदान कर ऋण उपलब्ध करवाना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में नए उद्यम की स्थापना अथवा स्थापित उद्यम के विस्तार, विविधिकरण या आधुनिकिकरण हेतु कम लागत पर तथा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार उपक्रमों हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
यह रहेगी पात्रता
इसमें आवेदक राजस्थान का मूल निवासी तथा आवेदन के समय आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। उद्योग लगाने हेतु अधिकतम परियोजना लागत 10 करोड़ रुपये, सेवा उद्यम हेतु अधिकतम परियोजना लागत 5 करोड़ रुपये तथा व्यापार क्षेत्र हेतु अधिकतम परियोजना लागत 1 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। विनिर्माण एवं सेवा उद्योग की परियोजनाओं में कार्यशील पूंजी की सीमा कुल परियोजना लागत के अधिकतम 40 प्रतिशत तक होगी। व्यापारिक क्षेत्र में यह सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत तक होगी। इसमें परियोजना लागत की 25 प्रतिशत अथवा 25 लाख रुपए, जो भी कम हो मार्जिन राशि अनुदान राशि होगी।
इस योजना में अंशदान ऋण सीमा के तहत विनिर्माण हेतु न्यूनतम अंशदान 10 प्रतिशत एवं अधिकतम ऋण 90 प्रतिशत, सेवा हेतु न्यूनतम अंशदान 10 प्रतिशत एवं अधिकतम ऋण 90 प्रतिशत व व्यापार हेतु न्यूनतम अंशदान 15 प्रतिशत एवं अधिकतम ऋण 85 प्रतिशत का प्रावधान रहेगा। ऋण की समयावधि 3 से 7 वर्ष तक होगी। ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक ही देय होगा। ब्याज अनुदान की सीमा के तहत 25 लाख रुपये से कम ऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान, 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक 7 प्रतिशत व 5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगी।
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