– नव वर्ष जनवरी को तपस्या माह के रूप में मनाया जाएगा
– देश-विदेश के सेवाकेंद्रों पर पूरे माह चलेगी साधना
आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ के 140 से अधिक देशों में स्थित सेवाकेंद्रों पर नव वर्ष के साथ ही योग-साधना का दौर शुरू हो गया है। संस्थान के आठ हजार से अधिक सेवाकेंद्रों पर 20 लाख से ज्यादा साधक पूरे जनवरी माह अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए अलसुबह 3 बजे से ध्यान- साधना करेंगे। वहीं मुख्यालय शांतिवन में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर डायमंड हॉल के विशाल सभागार में केक काट कर सेलिब्रेट किया गया। नव वर्ष पर परमात्म मिलन समारोह में दिल्ली और आगरा से 20 हजार से अधिक लोग पहुंचे, जिन्होंने ब्रह्ममुहूर्त में राजयोग मेडिटेशन के साथ पहले दिन की शुरुआत की। साथ ही संकल्प लिया कि इस वर्ष अपनी योग-तपस्या को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
यहां से श्रेष्ठ संकल्प लेकर जाएं-
कार्यक्रम में मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि समस्त देशवासियों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी नए वर्ष में संकल्प लेकर जाएं कि जो नियम, मर्यादाएं और शिक्षाएं पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने हम बच्चों के लिए दी हैं, जो मार्ग उन्होंने प्रशस्त किया है उसे अपने जीवन में शिरोधार्य कर अपना और बाबा का नाम रोशन करेंगे। जन-जन को परमात्मा का संदेश देने के निमित्त बनेंगे। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि हर साल नया वर्ष नई उम्मीदें, नया उमंग-उत्साह लेकर आता है। आप सभी भाग्यशाली हैं कि परमात्मा के घर में नया वर्ष मना रहे हैं। यहां से सभी अपने जीवन को श्रेष्ठ और महान बनाने के लिए शुभ संकल्प लेकर जाएं। परमात्मा की शक्ति, मदद से वह जरूर पूरा होगा।
योग अग्नि से पुराने संस्कार मिटेंगे-
महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर भाई ने कहा कि नए साल पर प्यारे शिव बाबा ने हमें शिक्षाएं दी हैं कि नकारात्मक संकल्पों, व्यर्थ का बोझ हमें दे दो, सदा निश्चिंत होकर रहो। खुशहाल रहो। साथ ही हमें जो होम वर्क दिया है। अपने पुराने संस्कारों को योग अग्नि में भस्म कर ब्रह्मा बाप समान त्याग, तपस्या और सेवा में नम्बरवन बनने का आज सभी संकल्प लें। तीव्र पुरूषार्थ के लिए जरूरी है कि पुराने संस्कार का संस्कार करना होगा। नये वर्ष में योग अग्नि से पुराने संस्कार को जलाने का दृढ़ संकल्प का अटेन्शन रखो।
पूरे जनवरी माह चलेगी योग-साधना-
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में हर वर्ष जनवरी को तपस्या माह के रूप में मनाया जाता है। संस्थान के सभी सेवाकेंद्रों पर 1 जनवरी से 31 जनवरी तक विशेष योग-तपस्या के आयोजन किए जाते हैं। 18 जनवरी 1969 को संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने योग-साधना से संपूर्णता की स्थिति को प्राप्त कर अव्यक्त हुए थे। तब से लेकर संस्थान के सभी सेवाकेंद्रों पर हर वर्ष जनवरी माह में बाबा की शिक्षाओं को याद करते हुए उन्होंने जो अपनी तपस्वी जीवन से आदर्श स्थापित किए हैं उन पर चलने का सभी साधक प्रयास करते हैं।
इस मौके पर संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी, राजयोगिनी बीके शशि दीदी, अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन भाई, मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई, ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी सहित दिल्ली और आगरा जोन से आए 20 हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।