रहीस और यारोल के सुपर फ्यूजन ने जीते दिल

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-फ्रांस के रॉक स्टार यारोल पौपौड और जयपुर के धोद ग्रुप की जुगलबंदी पर झूमे कला प्रेमी
-दस राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुतियों ने बांधा समां, साकार की कई लोक संस्कृतियां

उदयपुर। दो विश्व विख्यात कलाकार जब जुगलबंदी करते हैं यानी उनकी सुपर सिम्फनी होती है, तब हर इंसान थिरकने लगता है और हर जुबां वाहवाह कर उठती है। जी हां, इसकी बानगी शुक्रवार को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर तब देखने को मिली जब जयपुर के धोद ग्रुप और फ्रांस के यारोल पौपौड ने सुपर म्यूजिकल फ्यूजन पेश किया।
विश्व प्रसिद्ध कलाकार रहीस भारती के नेतृत्व में धोद ग्रुप ने गुरुवार को अपने ब्रास बैंड से समां बांधा था, उसी ने शुक्रवार को जब फ्रांसीसी रॉक स्टार यारोल पौपौड के साथ अपनी फॉक, बॉलीवुड और वेस्टर्न धुनों और गानों की जुगलबंदी की तो पूरा शिल्पग्राम झूम उठा। यह पहला मौका रहा, जब भारतीय धोद ग्रुप के साथ फ्रांसीसी रॉकस्टार यारोल पौपौड का लाइव कॉन्सर्ट हुआ। पहली मर्तबा रॉक एंड रोल और पारंपरिक राजस्थानी संगीत की संयुक्त प्रस्तुति से ठसाठस भरी दर्शक दीर्घाओं में लोग झूम उठे।

धोद ग्रुप की ये प्रस्तुतियां रही खास-

धोद समूह ने इस सुपर फ्यूजन में राजस्थानी लोक गीत जैसे ‘केसरिया बालम,’ ‘बेगा घर आओ बालम’ और ‘आओजी आओ धोड़ प्यारो आओजी’, जग घुमया थारे जैसा ना कोई… के साथ तबला जैसे वाद्ययंत्रों की खूबसूरत प्रस्तुति दी। परफोरमेंस में ढोलक, करताल, सारंगी का ड्रम और गिटार जैसे रॉक संगीत के इंस्ट्रूमेंट्स के साथ सुंदर मिश्रण हर धुन पर तमाम श्रोता सम्मोहित से हो गए। फ्रांस के रॉकस्टार गायक और गिटारवादक यारोल पौपौड, विक्टर मेकेनिक बेस गिटारवादक, गायक और ड्रमर लुडविग डेल्हबर्ग ने धोद बैंड के साथ बहुत ही शानदार तालमेल पेश करते हुए सुरमई धुनों से समां बांध दिया।

10 राज्यों के लोक नृत्यों ने साकार की लोक संस्कृति-

शिल्पग्राम उत्सव की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को मुक्ताकाशी मंच पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक की लोक संस्कृति तब साकार हो गई, जब एक के बाद एक दस राज्यों के लोक नृत्यों की मनोहारी प्रस्तुतियां दी गईं। दर्शकों ने दिल थाम कर हर प्रस्तुति का इंतजार किया और फिर उस पर दिल खोलकर दाद दी। लोक कलाकारों ने भी अपने फन का उम्दा जादू बिखेरा। इस दौरान कश्मीर का रौफ डांस, जो वहां वसंत ऋतु उमंग और उत्साह से किया जाता है, पेश किया गया। वहीं, प्रपोजल के प्रतीक छपेली डांस ने उत्तराखंड, हर मांगलिग अवसर पर होने वाले बधाई नृत्य ने मध्यप्रदेश, माधुरी नृत्य ने तेलंगाना, कावड़ी कड़क्कम ने तमिलनाडु और बिहू डांस ने असमिया संस्कृति और प्रकृति को मंच पर जीवंत कर खूब वाहवाही लूटी। इसी तरह, गले में बड़ा पुंग (ढोल) लटका उसे जोरदार ढंग से बजाते हुए नृत्य करते नर्तकों की आकर्षक प्रस्तुति पुंग चोलम डांस ने मणिपुरी, तीन फुट लंबे ढोलों के लिए प्रसिद्ध आदिवासी वांगला डांस ने मेघालय, बधाइयों और खुशियों के प्रतीक गिद्दा डांस ने पंजाबी तथा हरियाणवी घूमर ने हरियाणा की कल्चर से दर्शकों को रू-ब-रू कराया।

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