रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना हुई लागू
जिले में 4 लाख से अधिक पात्र परिवारों को मिलेगा लाभ
उदयपुर, 3 सितंबर। राज्य सरकार की बजट घोषणा की क्रियान्विति में रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना’ एक सितंबर 2024 से लागू हो गई है। इस योजना के तहत जिले के समस्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के परिवार पात्र होंगे। जिला रसद अधिकार गीतेश श्री मालवीय ने बताया कि वर्तमान में जिले में 4 लाख 18 हजार 974 पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा। इस योजना के तहत लाभार्थियों को सब्सिड़ी दी जाएगी ताकि उपभोक्ताओं को 450 रूपये ही सिलेण्डर के लिये खर्च करने पड़े। 450 रूपये से अधिक राशि का भुगतान करने पर अधिक भुगतान की गई राशि उपभोक्ताओं के बैक खातें में सब्सिडी के रूप में जमा होगी। सब्सिडी प्राप्त करने के लिये उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा योजना में सर्वप्रथम ई-केवाईसी करवानी होगी। इसके पश्चात् अपने राशन कार्ड को एलपीजी आईडी व जनआधार से सीडिंग करवानी होगी। यह कार्य नजदीकी ई-मित्र द्वारा अथवा राशन डीलर द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के तहत एक माह में एक सिलेंडर मिलेगा एक से अधिक सिलेंडर खरीदने पर अतिरिक्त सिलेण्डर पर सब्सिडी देय होगी।
डीएसओ ने बताया कि इस योजना के तहत प्राप्त गैस सिलेंडर का उपयोग केवल घरेलू कार्यों के लिये ही किया जा सकता है। यदि इस योजना में प्राप्त सिलेंडर का दुरुपयोग किया जाता है तो जिला रसद कार्यालय की टीम द्वारा इसे जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी और सब्सिडी भी बंद कर दी जायेगी। इस कार्य में लिप्त गैस एजेन्सी पर भी प्रभावी कार्यवाही की जावेंगी। इस हेतु राज्य स्तर व जिला स्तर से टीम गठित की जा रही है। उपभोक्ता अपनी सीडिंग इत्यादि पूर्ण कर लें ताकि इसी माह से लाभ मिलना प्रारंभ हो।
शहर के पर्यटन स्थलों पर फिर गूंजेंगे थाली-मादल
टीआरआई की ओर से पर्यटन स्थलों पर रमेगी गवरी
उदयपुर, 3 सितंबर। माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष की भांति उदयपुर शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर मेवाड़ का प्रमुख पारम्परिक जनजातीय नृत्य नाटिका गवरी का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए गवरी दल मुखिया 5 सितंबर तक संस्थान में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
टीआरआई निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि संस्थान द्वारा पारम्परिक जनजाति कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं कलाकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष शहर के प्रमुख स्थलों पर गवरी नृत्य का मंचन कराया जाता रहा है। इस वर्ष सहेलियों की बाड़ी, फतेहसागर पाल एवं भारतीय लोक कला मण्डल में गवरी नृत्यों की प्रस्तुतियां करवायी जायेगी। गवरी कार्यक्रम की नोडल अधिकारी श्रीमती प्रज्ञा सक्सेना ने कहा है कि गवरी कलाकार दल मुखिया का चयन किया जायेगा जो गांव से कलाकारों को उदयपुर लाकर निर्धारित स्थान पर गवरी नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुतियां करवायेगा। संस्थान द्वारा प्रति गवरी सहायता राशि प्रदान की जायेगी।