लेपर्ड के जबड़े में चाचा-भतीजे का सिर, 100 टांके आए
जिसे बिल्ली समझा उसने 7 घंटे तक फैलाई दहशत
उदयपुर का बोरिया गांव, समय दोपहर 2 बजे
‘हल्ला हुआ कि जंगल से आए लेपर्ड ने हमला बोल दिया है तो मैं लीलाबाई (32) अपने 5 साल के बेटे के साथ जान बचाने को भागी। पलक झपकते ही लेपर्ड हमारी आंखों के सामने आ गया। मैंने समझा अब तो हम दोनों की जान गई। इसी बीच पूंजी बाई ने हिम्मत दिखाई और शोर मचाते हुए हमें अपनी तरफ खींच लिया।
हमले की दहशतभरी कहानी भींडर ब्लॉक के बोरिया गांव में कई लोगों की है, जिनका गुरुवार 7 घंटे तक खूंखार लेपर्ड से आमना-सामना हुआ। दोपहर 2 बजे घुसे लेपर्ड ने इतना आतंक मचाया कि 5 लोगों को जख्मी कर दिया। दो लोगों का सिर अपने जबड़े में दबोच लिया था। एक युवक के शरीर पर तो 100 टांके आए हैं।
हमले के बाद भास्कर टीम उदयपुर के बोरिया गांव से ग्राउंड रिपोर्ट करने पहुंची। पता चला गांव के लोग लेपर्ड को बिल्ली की तरह मामूली जानवर समझते थे, पहली बार सामना हुआ तो पता चला कि वो कितना खूंखार है।
दहशत के निशान अब भी थे मौजूद
हमने उन लोगों से बातचीत की जिनका लेपर्ड से आमना-सामना हुआ। एक पुराने घर की सीढ़ियों पर लेपर्ड के हमले से घायल हुए भैरूलाल का खून वहां बिखरा हुआ था। भैरूलाल यहां से नीचे उतर रहा था कि लेपर्ड छत से कूद सीढ़ियों में आ गया और हमला कर दिया। फिर एक बाड़े में पहुंचे तो वहां कपड़े, जूते और मफलर बिखरे हुए थे। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर लेपर्ड और ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम का आमना-सामना हुआ था।
लेपर्ड खोज रहे थे और लेपर्ड दौड़ पड़ा
गांव वालों ने करीब 4 बजे तक वन विभाग को लेपर्ड के हमले की सूचना दे दी थी। वन सुरक्षा समिति के मेंबर भंवर सिंह व मेघराज रावत सूचना पर सबसे पहले पहुंचे। उन्हें बताया गया कि लेपर्ड छत पर गया। दोनों छत पर जाकर लेपर्ड को खोज रहे थे कि अंदर जर्जर कमरे से बाहर आकर लेपर्ड उनकी तरफ दौड़ पड़ा।
भंवर सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए एक बार तो लेपर्ड को धक्का मारकर नीचे गिरा दिया था लेकिन बाद में उठकर उसने फिर से झपट्टा मारकर घायल कर दिया। पास में थोड़ा आगे खड़े मेघराज पर भी अटैक कर दिया।
इधर, सूचना पर पुलिस, प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी गांव में पहुंचे। उदयपुर से रेस्क्यू टीम देर शाम को पहुंची, लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू नहीं हो पाया। लेपर्ड को रात करीब 10 बजे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज किया। उदयपुर से डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि लेपर्ड को उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया।