उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल में कला प्रदर्शनी का हुआ शानदार समापन कहानियों के जश्न ने कलाप्रेमियों और साहित्यकारों का मन मोहा

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उदयपुर, 15 जनवरी। उदयपुर टेल्स की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल के 5 वें संस्करण का शानदार समापन रविवार देर रात्रि शिल्पग्राम रोड स्थित पार्क एक्सोटिका रिसोर्ट में हुआ।

इस उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल में मंत्रमुग्ध कर देने वाली कहानियों को बनने और कहानी कहने की विविध परंपराओं ने यहां पहुंचे कलाकारों के साथ ही अन्य साहित्य प्रेमियों का मन मोह लिया। उदयपुर टेल्स की सह संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने बताया कि इस उत्सव में विभिन्न शैलियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कहानीकारों, कलाकारों और संगीतकारों की एक मंच पर प्रस्तुतियां का आकर्षण रहा। इस दौरान इस मंच पर दुनिया भर के कहानीकारों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया गया। इस फेस्टिवल ने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कहानीकारों को एक साथ एक मंच पर लाकर मनमोहक अंदाज में कहानियों को प्रस्तुति से लोगों को आकर्षित किया। आयोजन दौरान विभिन्न कहानीकारों की कहानियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।

‘पीला स्कूटर’ कहानी ने दर्शकों को गुदगुदाया :
समापन दौरान कहानीकार रजत मेघनानी द्वारा हास्य कहानी ‘पीला स्कूटर’ की मनमोहक प्रस्तुति दी गई तो मौजूद दर्शक कहानी के संवादों और इस पर कहानीकार के आकर्षक अभिनय को देखकर गुदगुदाते नज़र आए। उनके हर एक संवाद ने मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान खींच दी।

अंजना चांडक और निवृत्ति कुमारी ने किया ‘प्रदर्शनी’ का समापन :

स्टोरी फेस्टिवल में कश्ती फाउंडेशन द्वारा लगाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी का समापन बेंगलुरु निवासी थियेटर आर्टिस्ट व कहानीकार अंजना चांडक तथा उदयपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य निवृत्ति कुमारी ने किया। उन्होंने फाउंडेशन की स्टाल पर पहुंच कर यहां प्रदर्शित सामग्री का अवलोकन किया और भांति—भांति के कलाकारों द्वारा तैयार की गई अनूठी कलाकृतियों के सौंदर्य की तारीफ की और कहा कि यह कलाकारों को मंच प्रदान करने का सराहनीय प्रयास है। कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया और नित्या सिंघल ने कलाकारों का परिचय कराया और कलाकृतियों की विशिष्टता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस स्टाल पर मुख्य रूप से प्रस्तर शिल्प, मिनिएचर व मॉडर्न पेंटिंग, लोहे की कलाकृतियां और आकर्षक नेचर फोटोग्राफ्स भी प्रदर्शित किए गए हैं। मुर्डिया ने बताया कि स्टॉल्स विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय साहित्य प्रेमियों और शहरवासियों ने कलाकृतियों की खरीद की। अतिथियों ने इस स्टाल पर साहित्यकार पुरुषोत्तम पल्लव, डॉ. सोफिया नलवाया, ख्यातनाम वास्तुकार सुनील लड्ढा, प्रस्तर शिल्पकार हेमंत जोशी व सुनील भट्ट, गजल गीतकार कपिल पालीवाल, चित्रकार राहुल माली,डॉ. चित्रसेन, नीलोफर मुनीर,चेतन औदीच्य, कमलेश डांगी आदि की कलाकृतियों को देखा और एक पेंटिंग को उतारकर प्रदर्शनी का समापन किया।

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