मकर संक्रांति पर जीवन की डोर पकड़ उड़ने का सीखे तरीका

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आबू रोड, 14 जनवरी, निसं। मकर संक्रांति पर सैकड़ों लोगों के बीच पतंगबाजी कार्यक्रम में आयी संस्थान प्रमुख 99वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी भी पहुंची। उन्होंने उपस्थित लोगों को मकर संक्रांति की षुभकामनाएं देते हुए देते हुए कहा कि यह पवित्र पर्व है जो मनुष्य को जीवन श्रेष्ठ बनाने की संदेष देता है। जीवन की डोर पतंग की भांति कस कर पकड़ कर रखना चाहिए। साथ ही उड़ने के लिए अध्यात्म और मूल्य के जरिए जीवन को सहेजने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर संस्थान के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि यह पर्व खुषियों का संदेष देता है। जीवन में जब तक खुषी है जीवन रुपी पतंग उड़ती रहेगी। इसके साथ ही पूरा परिवार खुषियों के डोर में उड़ने लगेगा। परमात्मा के हाथ में जीवन की डोर देने से पूरा परिवार खुषहाल रहेगा। कार्यक्रम में संयुक्त मुख्य प्रषासिका राजयोगिनी मुन्नी दीदी ने कहा कि सब लोग खुष रहे प्रकृति और पुरुष दोनो का सामंजस्य रहने से प्रकृति सुखदायी रहती है।
मकर संक्रांति के पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करुणा ने भी विचार व्यक्त करते हुए षुभकामनाएं दी। इस अवसर पर बीके मोहन सिंघल, वरिष्ठ राजयोग षिक्षिका बीके उषा, बीके सुधीर, बीके डॉ सविता समेत कई लोग उपस्थित थे।

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