विधानसभा उपचुनाव

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उड़न दस्तों, निगरानी दलों व व्यय
पर्यवेक्षकों को दिया प्रशिक्षण

ट्रेनिंग। उदयपुर। सलूम्बर पंचायत समिति सभागार में उड़नदस्तों व निगरानी दलों को प्रशिक्षण देते राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ महामाया प्रसाद चौबीसा।

उदयपुर, 4 सितंबर। विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी अरविन्द पोसवाल के निर्देशन में तैयारियां शुरू हो गई हैं। विभिन्न प्रकोष्ठ गठन के साथ ही उड़नदस्तों, निगरानी दलों का भी गठन कर लिया गया है। बुधवार को सलूम्बर पंचायत समिति में एसएसटी, एफएसटी, वीएसटी, वीवीपी, एपी और एईओ का प्रशिक्षण आयोजित हुआ।
राज्य स्तरीय मास्टरट्रेनर डॉ महामायाप्रसाद चौबीसा ने बताया कि उड़न दस्ता दलों, स्थैतिक निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल, वीडियो निगरानी दल, सहायक व्यय पर्यवेक्षक तथा लेखा टीम को उनके कर्तव्यों की जानकारी दी। साथ ही विधानसभा चुनाव में अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित 40 लाख रूपए खर्च सीमा के बारे में अवगत कराते हुए वैधानिक एवं अवैधानिक व्यय के आंकलन, रिकार्ड संधारण आदि के बारे में समझाया। जिला स्तरीय मास्टरट्रेनर डॉ प्रणव जोशी ने सी-विजिल एप और ईएसएमएस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान रिटर्निंग अधिकारी सलूम्बर पर्वत सिंह, सहायक रिटर्निंग अधिकारी व तहसीलदार मयूर शर्मा, कार्मिक प्रकोष्ठ के सहायक प्रभारी अधिकारी चंद्रवीर सिंह चौहान, डीओआईटी सलूम्बर के एसीपी जीवनलाल मीणा आदि भी उपस्थित रहे। चौबीसा ने बताया कि आगामी 6 सितम्बर को सेक्टर ऑफिसर तथा पुलिस सेक्टर अधिकारियों का प्रशिक्षण सलूम्बर पंचायत समिति सभागार में आयोजित होगी।

प्रोफेसर के.के. शर्मा को श्रद्धांजलि

प्रसंग। प्रसंग संस्थान की ओर से प्रसिद्ध भाषा विशेषज्ञ प्रोफेसर के.के.शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते डॉ. इन्द्र प्रकाश श्रीमाली व अन्य प्रबुद्धजन।

उदयपुर, 4 सितंबर। नगर की साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था, प्रसंग संस्थान की ओर प्रसिद्ध भाषा विशेषज्ञ प्रोफेसर के.के.शर्मा को उनके असामयिक अवसान पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. इन्द्र प्रकाश श्रीमाली ने प्रोफेसर शर्मा का जीवन परिचय एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें अपने गुरु के रुप में याद करते हुए कहा कि वे अपने विद्यार्थियों को इतने मनोयोग से पढ़ाते थे कि क्लिष्ट विषय भी सरलता से समझ में आ जाता था। डॉ. श्रीमाली ने कहा कि शैली विज्ञान का ऐसे उद्भट विद्वान राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। वे आकाशवाणी के वाणी पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों ध्वनि शास्त्र के आधार पर सही उच्चारण का वैज्ञानिक आधार बताते थे।
डॉ सुयश चतुर्वेदी ने कहा कि वे हमारे पिता के मित्र थे और हमेशा आत्मीयता बरतते थे। राजस्थान साहित्य अकादमी की पूर्व सदस्य, डॉ मंजु चतुर्वेदी ने कहा कि प्रोफेसर शर्मा जैसे शिक्षक से पढ़ना,उनके विचारों से लाभान्वित होना गर्व की बात है। उन्होंने हिंदी भाषा एवं व्याकरण संबंधी अनेक पुस्तकें लिख कर भाषा विज्ञान का वैज्ञानिक आधार तैयार किया था। श्रद्धांजलि सभा में रीना श्रीमाली, विजय, डॉ. सरिता जैन, जयंत, डॉ धारणा, आदर्श, मनोरमा चतुर्वेदी, विशेषता, तृप्ति तथा चिन्मय आदि उपस्थित रहे।

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