स्वतंत्रता आंदोलन में घुमंतू जातियों का योगदान
अतुलनीयः शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
उदयपुर। पंचायत समिति गिर्वा सभागार में घुमंतू जाति उत्थान न्यास की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर। उदयपुर, 01 सितंबर। देश की स्वतंत्रता के लिए हुए आंदोलन में घुमंतू जातियों का योगदान अतुलनीय है। घुमंतू जातियां देश की धरोहर हैं, इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की भी मंशा घुमंतू जातियों का कल्याण करने की है। ये बातें पंचायतीराज एवं शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने रविवार को उदयपुर दौरे पर पंचायत समिति गिर्वा सभागार में घुमंतू जाति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने बताया कि पूर्व में गाड़िया लौहारों समेत अन्य घुमंतू जातियों के लोगों के नाम मतदाता सूचियों में नहीं होने के कारण इन्हें देश का नागरिक नहीं माना जाता था तथा किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। मैंने हमारी सरकार के समय चुनाव आयोग से अपील कर राजस्थान के लगभग 10 हजार से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूचियों में जुड़वाए। सौभाग्य से इस बार पंचायती राज विभाग मेरे पास है। मैं इन जातियों की सेवा में कोई कसर नहीं छोडूंगा।
घुमंतू जातियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का रहेगा प्रयासः
दिलावर ने कहा कि घुमंतू जातियों को अल्पसंख्यकों के लिए अपनाई जाने वाले प्रक्रिया की तर्ज पर कार्यवाही करते हुए पट्टे वितरित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। आगामी 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जी के माध्यम से पट्टे वितरित किये जाएंगे। हमारा प्रयास है कि पट्टे वितरण के बाद सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ मिले। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी ग्राम विकास अधिकारियों एवं बीडीओ की है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने घुमंतू जातियों की सुध ली है। निकट भविष्य में घुमन्तू जातियों से संबंधित परिवारों को पट्टे वितरण का कार्य किया जाएगा। पट्टा वितरण अभियान के तहत इन जातियों के पात्र व्यक्तियों को लाभ अवश्य मिलना चाहिए। इस अवसर पर खेरवाड़ा के पूर्व विधायक नानालाल अहारी, जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली, चंद्रगुप्त सिंह चौहान, प्रभुलाल व बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन भी संवाद कार्यक्रम में मौजूद रहे।