उदयपुर, 22 मई। गर्मी के प्रकोप को देखते हुए पशुओं की विशेष देखभाल व पशु उत्पादन को बनाए रखने के संबंध में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने गर्मी में पशु आहार प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में पशुओं की उचित देखभाल नहीं करने पर संकर नस्ल के पशुओं के दुग्ध उत्पादन में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी आ सकती है। वहीं देशी नस्ल के प्शुओं के दुग्ध उत्पादन में 3 प्रतिशत की कमी आती है। ऐसे में पशुओं की सुरक्षा के साथ उनके आहार प्रबंधन पर विषेश ध्यान देना चाहिए, जिससे उनके रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो एवं वातावरण से उत्पन्न तनाव में कमी आ सके। छोटे पशुओं को 30-40 ग्राम, बड़े पशुओं को 60-80 ग्राम एवं दुधारू पषुओं को 100-120 ग्राम तक खनिज लवण प्रतिदिन देना आवश्यक होता है। संस्थान के डॉ. पदमामील ने नियमित एक मुट्ठी नमक खिलाने पर जोर दिया। डॉ. सुरेश शर्मा ने पशुओं को दिन में तीन चार बार मे 80 से 100 लीटर तक स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की बात कही।