भामाशाह देवतुल्य, उनके दिए
पैसे का होगा सदुपयोगः
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
157 भामाशाहों का किया अभिनंदन
उदयपुर, 1 सितम्बर। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में शैक्षणिक उन्नयन के लिए अहर्निश प्रयासरत है। भामाशाहों की ओर से दिए जा रहे सहयोग से गुणवत्तायुक्त शिक्षा, विद्यालयों में सुविधाओं के विस्तार पर कार्य हो रहा है। शिक्षा मंत्री होने के नाते भामाशाहों को विश्वास दिलाता हूं कि उनके द्वारा दान की गई राशि के एक-एक पैसे का सदुपयोग होगा।
शिक्षा मंत्री दिलावर रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित 28वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने की। राज्य सभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, लोकसभा सांसद डॉ मन्नालाल रावत, उदयपुर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी,पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, जिला प्रमुख ममता पंवार, महापौर जीएस टांक, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली, चंद्रगुप्त सिंह चौहान, प्रमोद सामर, उप महापौर पारस सिंघवी, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली, निदेशक संस्कृत शिक्षा पूनम सहित अन्य जनप्रतिनिधि बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे।
पहली बार राजधानी जयपुर से बाहर उदयपुर में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री श्री दिलावर ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भैरोसिंह शेखावत ने वर्ष 1995 में भामाशाहों के सम्मान की परिपाठी शुरू की, जो आज भी जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश के विद्यालयों के लिए 140 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का सहयोग भामाशाहों के माध्यम से प्राप्त हुआ। उक्त राशि से विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के साथ ही स्मार्ट क्लासेज, संसाधन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने दान का महत्व बताते हुए कहा कि जिस तरह कुएं से सिंचाई के लिए पानी निकालने पर कुछ ही घंटो में कुआं वापस भर जाता है, इसी प्रकार धन को सद्कर्म में लगाने से दुगुने लाभ की प्राप्त होती है।
देवतुल्य हैं भामाशाहः
उन्होंने कहा कि दूसरों की पीड़ा समझने वाला कभी साधारण नहीं हो सकता। शिक्षा के लिए दान देने वाले सभी भामाशाह देवतुल्य हैं, जो बच्चों की पढ़ाई में आने वाली पीड़ा को समझते हुए उनके लिए सुविधाएं जुटाने सहयोग करते हैं। प्रारंभ में शिक्षा मंत्री ने मेवाड़ की वीर प्रसूता भूमि को प्रणाम करते हुए महाराणा प्रताप और भामाशाह का स्मरण किया। साथ ही उन्होंने राणा पूंजा, वीरबाला कालीबाई और गोविन्दगुरू को याद करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान महापुरुषों, त्याग, तपस्या, शौर्य और वीरता की और भामाशाह की परंपरा वाली धरती है।
नवाचारों से कराया अवगतः
शिक्षामंत्री दिलावर ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से किए जा रहे नवाचारों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर को साफ-सुथरा रखने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि शैक्षिक वातावरण अच्छा रहे। स्कूल समय में किसी भी शिक्षक को पूजा-पाठ अथवा अन्य धार्मिक कार्यक्रम के लिए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शिक्षकों को कक्षा-कक्ष में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही बच्चों को साप्ताहिक रिवीजन कराने की भी व्यवस्था भी लागू की जा रही है। उन्होंने शीतकालीन अवकाशों में भी बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि अब जब कड़ाके की ठण्ड होगी तभी शीतकालीन अवकाश घोषित किए जाएंगे।
प्लास्टिक उन्मूलन का आह्वानः
शिक्षा मंत्री ने प्लास्टिक उन्मूलन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से न केवल पर्यावरण को क्षति पहंुच रही है, अपितु गो माता को भी खतरा है। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी लोगों से प्लास्टिक उन्मूलन में सहयोग का आह्वान किया।
सरकार जनजाति अंचल में शैक्षिक उन्नयन के लिए कटिबद्धः
अध्यक्षीय उद्बोधन में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने दधीचि, वामन अवतार व प्रताप-भामाशाह आदि की पौराणिक व ऐतिहासिक कथाओं के माध्यम से दान की महत्ता बताई। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजाति अंचल में शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार व सुदृढ़ता के लिए कटिबद्ध है।
प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन
समारोह में शिक्षा मंत्री सहित सभी अतिथियों ने विभाग को दिए जाने वाले सहयोग और उसके सदुपयोग पर आधारित प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इससे पूर्व राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के समवेत स्वरों से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन, वाग्देवी सरस्वती और भामाशाह की छवि पर माल्यार्पण किया। शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम की जानकारी दी। निदेशक आशीष मोदी, संयुक्त निदेशक उदयपुर महेंद्रकुमार जैन सहित अन्य अधिकारियों ने अतिथियों का साफा पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस मौके पर अतिथियों ने प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन भी किया।
पौधरोपण में 3 विश्व कीर्तिमान
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर गत 7 व 8 अगस्त को हुए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण अभियान-एक पेड़ मां के नाम के दौरान प्रदेश के विद्यालयों में 6 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए। वहीं एक दिन में लगभग ढाई करोड़ पौधों का रोपण हुआ। पौधरोपण अभियान के दौरान शिक्षा विभाग की ओर से 3 विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किए गए। समारोह में विश्व रिकार्ड संस्थान के प्रतिनिधि ने शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर को तीनों विश्व रिकार्ड के प्रमाण पत्र सौंपे।
शिक्षा मंत्री का किया अभिनंदनः
समारोह में श्रीनाथजी मंदिर मंडल नाथद्वारा की ओर से सुधाकर शास्त्री और प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री दिलावर को दुशाला और उपरणा ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर हल्दीघाटी के मोहनलाल श्रीमाली ने महाराणा प्रताप का चित्र भेंट किया।
157 भामाशाहों का सम्मानः
राज्य स्तरीय समारोह में प्रदेश भर के विद्यालयों में दान देने वाले 157 भामाशाहों का प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न भेंट कर अभिनंदन किया गया। शिक्षामंत्री श्री दिलावर व टीएडी मंत्री श्री खराड़ी सहित अन्य ने भामाशाहों को शिक्षा विभूषण, शिक्षा भूषण की उपाधि से नवाजा। राज्य स्तरीय समारोह के नोडल अधिकारी व संयुक्त निदेशक (स्कूल शिक्षा) महेंद्र कुमार जैन ने बताया कि सर्वाधिक 14 करोड़ 11 लाख 57 हजार 824 रुपये दान देकर न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड रावतभाटा (राजस्थान) ने सबसे बड़ा दानवीर बनने का गौरव हासिल किया है। दूसरे नंबर पर 8 करोड़ 73 लाख 15 हजार 21 रुपये दान देकर चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड रहा। वहीं मोडिसन चौरिटेबल ट्रस्ट मुंबई ने 8 करोड़ 50 लाख रुपये, टेम्पल बोर्ड नाथद्वारा ने 6 करोड़ 97 लाख रुपये, क्यूआरजी फाउंडेशन अलवर ने 5 करोड़ 71 लाख 94 हजार 793 रुपये, गौतम आर. मोरारका, उत्तर प्रदेश ने 3 करोड़ 78 लाख 25 हजार 174 रुपये, एसएम सहगल फाउंडेशन गुरूग्राम ने 3 करोड़ 51 लाख 85 हजार 567 रुपये, हल्दीराम एजुकेशनल सोसायटी नई दिल्ली ने 3 करोड़ 44 लाख 13 हजार 616 रुपये, जीव जतन जन कल्याण ट्रस्ट पश्चिम बंगाल ने 2 करोड़ 75 लाख रुपये, गोपाल राठी, भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 63 लाख रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड हुरड़ा भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 15 लाख 31 हजार 777 रुपये, रवीन्द्र हेरियस प्राइवेट लिमिटेड उदयपुर ने 2 करोड़ 12 लाख 58 हजार 983 रुपये, नटवर लाल पुरोहित, सिरोहीः 2 करोड़ 5 लाख 15 हजार 499 रुपये, शंकर लाल पितलिया भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 1 लाख 22 हजार 196 रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड कायड माइंस अजमेर ने 1 करोड़ 80 लाख 42 हजार रुपये, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड जयपुर ने 1 करोड़ 73 लाख 52 हजार 203 रुपये दान किए। इसी प्रकार आरएचआई मेग्रेसिटा इंडिया लिमिटेड भिवाड़ी ने 1 करोड़ 60 लाख 70 हजार 27 रुपये, जिंक स्मेल्टर, देबारी उदयपुर ने 1 करोड़ 53 लाख 22 हजार 98 रुपये, वंडर सीमेंट लिमिटेड, निम्बाहेड़ा चित्तौड़गढ़ ने 1 करोड़ 48 लाख 30 हजार 975 रुपये, जयपुर राउंड टेबल ट्रस्ट ने 1 करोड़ 32 लाख 21 हजार रुपये, उदयपुर राउंड टेबल ट्रस्ट ने 1 करोड़ 19 लाख 10 हजार 800 रुपये दान एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड जयपुर ने 1 करोड़ 15 लाख 95 हजार 37 रुपये, (इंडिया इन्फोलाइन फाउंडेशन ने 1 करोड़ 15 लाख 3 हजार 381 रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड जावर माइंस ने 1 करोड़ 14 लाख 31 हजार 765 रुपये, दिव्या खंडेलवाल पत्नी आलोक खंडेलवाल जयपुर ने 1 करोड़ 8 लाख 90 हजार 696 रुपये, मोजे़क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव ने 1 करोड़ 8 लाख 44 हजार रुपये, मोतीलाल रायचंद ने 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपये, साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड ने 1 करोड़ 5 लाख 20 हजार 483 रुपये, मयूर यूनिकोटर्स लिमिटेड, जयपुर ने 1 करोड़ 4 लाख 81 हजार 354 रुपये, चौकसी हेरियस प्राइवेट लिमिटेड ने 1 करोड़ 1 लाख 99 हजार 43 रुपये वबालचंद मोतीराम शर्मा, मुंबई ने 1 करोड़ रुपये दान किए हैं। इन भामाशाहों को शिक्षा विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया।