उदयपुर में बजट घोषणाओं को मूर्त रूप देने में जुटे शासन और प्रशासन

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बजट घोषणाओं की क्रियान्विति सरकार की
प्राथमिकता, अधिकारी बरतें गंभीरता : मीणा

प्रभारी मंत्री हेमन्त मीणा व प्रभारी सचिव श्रीमती आनंदी ने ली बजट घोषणाओं को लेकर बैठक

उदयपुर। बजट घोषणाओं को लेकर बैठक लेते प्रभारी मंत्री श्री हेमन्त मीणा व मौजूद अधिकारी।
उदयपुर। बजट घोषणाओं को लेकर बैठक लेते प्रभारी मंत्री श्री हेमन्त मीणा व मौजूद अधिकारी।
उदयपुर। बजट घोषणाओं को लेकर बैठक लेते प्रभारी मंत्री श्री हेमन्त मीणा व मौजूद अधिकारी।

उदयपुर, 14 जुलाई। प्रदेश सरकार के पहले पूर्ण बजट में 10 जुलाई को विधानसभा में की गई घोषणाओं की त्वरित क्रियान्विति को लेकर सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों में पहुंच कर 4 दिन पहले हुई बजट घोषणाओं की जल्द से जल्द क्रियान्विति को लेकर बैठक ले रहे हैं।
इसी क्रम में रविवार को उदयपुर एवं सलूम्बर जिले के प्रभारी तथा राजस्व विभाग व उपनिवेशन मंत्री श्री हेमन्त मीणा ने प्रभारी सचिव उदयपुर आनंदी व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल और प्रभारी सचिव सलूम्बर प्रज्ञा केवलरमानी व जिला कलक्टर जसमीतसिंह संधू की उपस्थिति में जिला परिषद सभागार में बैठक ली। उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई बैठक में बजट 2024-25 के तहत उदयपुर एवं सलूम्बर जिले के लिए हुई घोषणाओं पर बिन्दु वार चर्चा करते हुए उनकी क्रियान्विति को लेकर अब तक के प्रयासों की जानकारी ली। साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में सर्वप्रथम जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल और जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़ ने प्रभारी मंत्री श्री मीणा, प्रभारी सचिव श्रीमती आनंदी, सांसद डॉ रावत सहित अन्य का स्वागत किया। एडीएम सिटी ने विभागवार बजट घोषणाओं की जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने विभाग वार बजट घोषणाओं की क्रियान्विति को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारी से फीडबैक लिया। बजट घोषणा के महज 4 दिन में ही अधिकांश घोषणाओं को धरातल पर मूर्त रूप दिए जाने की तैयारियां प्रारंभ होने की जानकारी पर प्रभारी मंत्री श्री मीणा ने प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि बजट घोषणाएं जल्द से जल्द क्रियान्वित हो। इसके लिए उन्होंने बजट घोषणाओं के तत्काल बाद उच्च स्तरीय बैठक ली तथा सभी मंत्रियों और सचिवोें को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में भेज कर प्रगति की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इससे स्पष्ट है कि बजट घोषणाओं की क्रियान्विति से आमजन को जल्द से जल्द लाभान्वित करना प्राथमिकता है। सरकार की यह मंशा अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। उन्होंने सभी अधिकारियों को बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के प्रति पूर्ण गंभीरता बरतने और जल्द से जल्द काम प्रारंभ कराकर उन्हें गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
बैठक में पीएचईडी के तहत 6 वृहद पेयजल परियोजनाओं, उदयपुर शहर में पेयजल पाइप लाइन सुदृढीकरण कार्य, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत आदर्श सौर ग्राम बनाने, कोटड़ा में 132 केवी जीएसएस, गोगुन्दा-गणेशजी का गुड़ा मोडी छिपाला मारूवास तुला सड़क निर्माण, पारस तिराहे पर फ्लाईओवर, देबारी चौराहा से प्रतापनगर चौराहे तक एलिवेटेड रोड़ सहित बजट में उदयपुर के लिए की गई तकरीबन 60 घोषणाओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस मौके पर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, उदयपुर की प्रभारी सचिव श्रीमती आनंदी, सलूंबर प्रभारी सचिव प्रज्ञा केवलरमानी ने विभिन्न बजट घोषणाओं के प्रस्ताव तैयार करने के संबंध में संबंधित विभागों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में जिला प्रमुख ममता कुंवर, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली, युडीए आयुक्त राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, एसीईओ स्मार्ट सिटी लिमिटेड कृष्णपालसिंह चौहान, जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़, आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, डॉ विपिन माथुर सहित सभी विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए शुरू करें प्रयासः
बैठक में प्रभारी मंत्री व प्रभारी सचिव ने पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को बजट घोषणाओं की क्रियान्विति में वन भूमि से जुड़े इशू चिन्हित करने तथा फोरेस्ट क्लियरेंस के लिए सभी जरूरी तैयारियां अभी से पूर्ण करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि निविदा के बाद फोरेस्ट इशू के कारण कार्य लंबित हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है। अधिकारी इसके लिए पहले से ही जरूरी पत्रावलियां तैयार करें तथा जैसे ही स्वीकृति जारी हो, तत्काल फोरेस्ट क्लियरेंस की कार्यवाही भी प्रारंभ करावें, ताकि समय पर कार्य हो सके।

भूमि चिन्हित कर आवंटित करने प्रक्रिया प्रारंभ
चर्चा के दौरान जिला कलक्टर पोसवाल ने बताया कि कई बजट घोषणाओं की क्र्रियान्विति के लिए भूमि आवंटन की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को अपेक्षित भूमि चिन्हिकरण तथा आवंटन के लिए आवेदन प्रक्रिया के निर्देश जारी कर दिए हैं। कई विभागों ने भूमि चिन्हित कर ली भी है।

प्रस्ताव बनाने से पहले जनप्रतिनिधियों व संबंधित विभाग से चर्चा करें
बैठक दौरान सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने समस्त विभागीय अधिकारियों से आह्वान किया कि बजट घोषणाओं और अन्य विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने से पहले संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और संबंधित अन्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा अवश्य करें ताकि अधिकाधिक लोगों को लाभांवित करने की सरकार की मंशा पूर्ण हो सकें।

पीडब्ल्यूडी ने जारी की टाइम लाइन
बजट घोषणाओं को लेकर सरकार की सक्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के लिए टाइम लाइन भी जारी कर दी है। बैठक में पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता शहर राजीव अग्रवाल ने बताया कि बजट में शामिल सड़कों के लिए विभाग ने 5 से 10 अगस्त तक सभी प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी किए जाने तथा उसके तत्काल बाद टेण्डर प्रक्रिया प्रारंभ करने की तिथि निर्धारित की है। 5 नवम्बर तक कार्यादेश जारी करने का लक्ष्य रखा गया है।

गोगुन्दा में हो पर्यटन विकास पर फोकस
बैठक में पर्यटन विभाग की बजट घोषणाओं पर चर्चा के दौरान गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेतीव उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली ने गोगुन्दा क्षेत्र में फोकस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गोगुन्दा में माउंट आबू के बराबर ऊंची पहाड़ी है, वहां पर्यटन विभाग की अपार संभावनाएं है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाने चाहिए। इस पर प्रभारी मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में संभावनाएं तलाशते हुए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। कमलनाथ महादेव व जावर माता मंदिर क्षेत्र विकास की घोषणा पर चर्चा करते हुए सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने जनजाति आस्था और अस्मिता के पहलू का भी ध्यान रखते हुए कार्य कराने के निर्देश दिए। डॉ रावत ने बावड़ी विकास कार्यों में पलसाणा की बावड़ी को शामिल करने का सुझाव दिया।

भविष्य की संभावनाएं देखते हुए करें मातृ वन का चयन
बजट में प्रत्येक जिले में एक-एक मातृ वन विकसित करने की घोषणा शामिल है। सांसद डॉ रावत ने मातृ वन को जिला मुख्यालय से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में तैयार किए जाने तथा इसके लिए पर्याप्त भूमि चिन्हित करने का सुझाव दिया। उन्हेांने कहा कि ऐसी जगह का चयन करें, जहां भविष्य में विस्तार की संभावना भी रहे। प्रभारी सचिव आनंदी ने ईको सेंसेटिव जोन चिन्हिकरण के दौरान खनन क्षेत्र का भी ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए।

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