14 व 17 वर्षीय जिला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता घोडान कला में 8 सितंबर से

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प्रतिभाओं को तराशने के लिए
ग्रामीणों का अनूठा प्रयास

स्कूल की पहाड़ी भूमि पर मशीनों की सहायता
से समतलीकरण कर तैयार किया खेल मैदान


ग्राउण्ड। घोड़ान कलां में खेल मैदान तैयार करती मशीनरी।उदयपुर 3 सितंबर. शिक्षा विभाग की ओर से समस्त उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की 14 वर्षीय छात्र एवं छात्र तथा 17 वर्षीय छात्र वर्ग की वॉलीबॉल की जिला स्तरीय प्रतियोगिता बड़गांव ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय घोड़ान कलां में आयोजित होगा। ये खेलकूद प्रतियोगिताएं 8 सितंबर से शुरू होगी जिसका समापन 12 सितंबर को समापन होगा। 7 सितंबर को जिले के समस्त प्रतिभागी स्कूलों को अपनी अपनी पात्रता  प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचाना होगा, 7 को ही शाम 5 बजे टाइज डाली जाएगी। उद्घाटन 8 सितंबर को प्रातः 10 बजे आयोजन होगा।
प्रतियोगिता संयोजक स्कूल के प्रधानाचार्य सुंदर सालवी ने बताया कि बड़गांव पंचायत समिति का घोड़ान कलां गांव भौगोलिक दृष्टि से अरावली की पहाड़ियों के मध्य बसा हुआ है, यहां ऐसी समतल जमीन बिल्कुल भी नहीं के बराबर है जहां पर खेल मैदान बनाया जा सके। लेकिन यहां वॉलीबॉल के प्रति जुनून को देखते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच, विद्यालय प्रबंधन विकास समिति, ग्रामवासियों तथा विद्यालय स्टाफ ने आपसी सहयोग व समन्वय से वॉलीबॉल खेल की जिला स्तरीय प्रतियोगिता करवाने का निर्णय लिया गया। शारीरिक शिक्षक व वॉलीबॉल प्रशिक्षक नरेश पालीवाल ने बताया कि सबसे पहली समस्या खेल मैदान बनाने के लिए समतल जमीन की आई तब विद्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित पथरीली व ऊबड़ खाबड़ जमीन जहां पर बबुल एवं अन्य कंटीली झाड़ियां थी वहां पर ग्राम पंचायत के सहयोग से साफ सफाई करवाई गई और वहां जेसीबी के माध्यम से जमीन का समतलीकरण एवं आवश्यक स्थान पर मिट्टी डालकर दो खेल मैदान बनाने का निर्णय किया। इस स्थान से कुछ ही दूरी पर नीचे की ओर ढलान में पूर्व में काटी गई एक पहाड़ी से समतल हुई जमीन को खेल मैदान के योग्य बनाने के लिए पर्याप्त स्थान निकालने के लिए उसे लगती हुई पहाड़ी को जेसीबी मशीनों की सहायता से कटिंग कर ट्रैक्टर के माध्यम से उसे मिट्टी को हटा कर अन्य स्थान पर बने गडों में भराव कर समतलीकरण का कार्य किया गया। इस प्रकार कुल पांच खेल मैदान बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। यह पहाड़ी वाली जमीन स्कूल के नाम ही दर्ज है। कुल खर्च राशि 5लाख से अधिक हो चुकी है जो पंचायत, ग्रामवासी, कुछ भामाशाह, दानदाता ,स्वयं शारीरिक शिक्षक नरेश पालीवाल एवं आंशिक सहयोग विद्यालय स्टाफ द्वारा किया जाकर खर्च की गई हैं। सिर्फ खेल मैदान के लिए ही ये खर्चा किया गया है। खेलकूद प्रतियोगिता का खर्च अलग से पंचायत,ग्राम वासियों एवं जन सहयोग से किया जाएगा ।
130 से अधिक टीमों के भाग लेने की संभावना
पालीवाल ने बताया कि इस वॉलीबॉल टूर्नामेंट में राजकीय उच्च प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 14 वर्ष आयु वर्ग की छात्रा-छात्र एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 17 वर्ष छात्र वर्ग सहित कुल 130 से भी अधिक टीमों के भाग लेने की संभावना है। सभी टीमों के लिए ठहरने की व्यवस्था एवं तीनों आयु वर्ग के लिए अलग-अलग खेल मैदान बनाए गए हैं, जहां पर छात्र-छात्राएं अपना प्रदर्शन करेंगे। पूरे गांव में इस खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर के उत्सव का माहौल है।

पशुओं के लिए घातक साबित हो रहा है पॉलिथीन

उदयपुर, 03 सितम्बर. पॉलीथिन पर्यावरण का शत्रु, पशुओं के लिए अभिशाप, पशुओं के लिए घातक एवं पर्यावरण विनाशकारी है। यह संबोधन पशुपालन डिप्लोमा कार्यक्रम के विद्यार्थियों की संगोष्ठी में डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने दिया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि पशुओं में पॉलीथिन खाने में आ जाने से एवं उसका शरीर में पाचन नही होने से पशु को भयंकर आफरा हो जाता हैं एवं कई बार उसकी मृत्यु होने की संभावना रहती है। इसका उपचार केवल मात्र शल्य क्रिया द्वारा ही संभव है। अतः पशुपालकों को चाहिए कि वे न ही पॉलीथीन का उपयोग करें एवं पशु को खाने में आने से रोकें। डॉ. सुरेश शर्मा एवं डॉ. पद्मा मील ने भी विचार रखे।

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