उदयपुर, 12 मार्च। उदयपुर के सुरक्षा एवं विदेश निति थिंकटैंक के कार्यकारी निदेशक अभिनव पंड्या नेरूस के विदेश मंत्रालय के आमंत्रण पर द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय रुसोफिले आंदोलन एवं बहुध्रुवीयता फोरम की मास्को में आयोजित वार्षिक बैठक में प्रतिनिधित्व किया।
तीन दिवसीय सम्मलेन में पण्ड्या ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के सलाहकार प्रोफेसर एलेग्जेंडर डुगीन, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, पुतिन के करीबी करमाफोव और डॉ मारिया ज़खरॉव से शिष्टाचार भेंट की। सम्मलेन में अभिनव ने प्लेनरी सेशन में अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह रूस एक बहुध्रुवीय विश्व सामरिक व्यवस्था चाहता है उसी तरह से भारत भी एक बहुध्रुवीय विश्व सामरिक ढांचे का सशक्त पक्षधर है। श्री अभिनव ने कहा कि भारत महाभारत और रामायण काल से बहुध्रिविया विश्व व्यवस्था का हिमायती रहा है। भारत के इतिहास में कभी हमने किसी राष्ट्र पर जबरन अधिकार नहीं किया। श्री राम ने लंका विजय के बाद राज्य रावण के भाई विभीषण को सौंप दिया। कृष्ण भगवान ने जरासंध वध के बाद राज्य उसके पुत्र को दे दिया। भारत अपनी ऐतिहासिक धरोहर से बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में बहुत कुछ दे सकता है। अभिनव ने कहा कि रूस और भारत दोनों एक महान सभ्यता वाले देश हैं और दोनों इस बदलते सुरक्षा और भू राजनीतिक दौर में शांति के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में अभिनव ने भारत के ब्रिगेडियर निझावन से भी मुलाकात की और भारत की सुरक्षा चुनौतियों, भारत- सम्बन्ध और दक्षिण काकेशस में भारत के हितो पर चर्चा की।