आबूरोड,10 मार्च शिवगंज पुलिस द्वारा एक हफ्ते पूर्व घर में लूटपाट को लेकर रची गई झूठी साजिश का पर्दाफाश किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि परिवार के ही एक पुत्र एवं उसकी पत्नी द्वारा घर में रखे 3.90 लाख रुपए की नकद राशि को पहले खर्च कर दिया गया और जब वे इसे वापस चुकाने में असमर्थ रहे तो इसे लूटपाट की घटना बताने की साजिश कर दी।
पुलिस के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देशन में शिवगंज थानाधिकारी बाबूलाल की अगुवाई में गठित टीम द्वारा लूटपाट की घटना को लेकर रची गई इस झूठी साजिश का पर्दाफाश किया। इस मामले में गत 4 मार्च 2024 की शाम पुलिस को सुचना मिली की शहर के सुभाषनगर, गली नं. 04 में घर पर चोरी हुई है। इस पर पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे तो धनराजजी जैन ने बताया की वह करीब 9 बजे दुकान से घर आया तो उसकी पुत्रवधु जुगनु पत्नी हंसमुख जो अंदर कमरे में बेहोशी की हालत में बिस्तर पर सोई हुई मिली। उसने आवाज दी तो वह नही बोली। तब उसने अपने बड़े पुत्र राजेन्द्र कुमार की पत्नी श्रीमती वीणा को आवाज देकर बुलाया। उसके बाद पुत्र हंसमुख व राजेन्द्र कुमार को भी फोन कर दुकान से घर बुलाया। उसकी पुत्र वधु श्रीमती जुगनु को इलाज के लिए सप्तगिरी हॉस्पीटल सुमेरपुर लेकर गए है। युग धनराज ने बताया कि घर में अंदर कमरे की आलमारियो के दरवाजे भी खुले है। अंदर से कोई सामान चोरी हुआ है तो उसकी पुत्रवधु जुगनु होश में आने पर बताएगी। इस पर मौका मुआयना कर घटनास्थल की फोटोग्राफी की गई। इसके बाद पुलिसकर्मी सप्तगिरी अस्पताल सुमेरपुर पहुंचे। जहां श्रीमती जुगनु जैन मिली हालांकि उस समय डॉक्टर ने बताया की घबराहट की वजह से श्रीमती जुगनु बयान देने की स्थिति में नही है। इस वजह से श्रीमती जुगनु के बयान नही लिये जा सके। इसके बाद 5 मार्च 2024 को शाम को श्रीमती जुगनु ने अस्पताल से छूट्टी होने के बाद अपने घर पर पर्चा बयान की कल 4 मार्च 2024 को 7.30-07.45 पीएम पर वह पर्वघर अकेली थी। उसी दौरान किसी ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया तो उसने दरवाजे के पास जाकर पुछा की कौन तो उन्होने बताया की ओटाजी चुन्नीलाल का घर यही है क्या। तो उसने कहां की हां यही है। फिर उसने पुछा की आपको क्या काम है। तो उन्होने बताया की विमल का पार्सल है जो देने आये है। मैने अपने घर के जाली वाले दरवाजे से देखा की बाहर 2 जवान उम्र के व्यक्ति खडे जिनके हाथ मे एक लाल रंग का बेग भी था। तब मैने दरवाजा खोला तो दरवाजा खोलते उन लोगो ने सीधा उसे बालो से पकड़ा व घसीटते हुए अंदर ले गए। फिर उन्होंने पूछा की कमरे में आलमारी है उसकी चाबी दो। तो उसने बताया की चाबी उसके पास नहीं है। तो उनमे से एक व्यक्ति ने अचानक से चाकू निकाला तो वह डर गई। इसके बाद उसने आलमारी की चांबी निकाल कर उन व्यक्तियो को दे दी। चाबी देने के बाद उन लोगो ने उसके मुंह व कपड़ो पर स्प्रे छीड़क दिया था। जिसके असर से वह बेहोश हो गई और वे लोग उनके घर की आलमारी में रखे करीब 400 ग्राम वजनी सोने के जेवराज व 3.90 लाख रुपए लूट कर ले गए। इस रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
पुलिस जांच में कहीं भी नहीं हुई घटना की पुष्टि
पुलिस के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला डीएसटी व जिला साईबर टीम भी जांच में सहयोग के लिए तैनात की गई। पुलिस द्वारा रिपोर्ट के बाद घटनास्थल निरीक्षण किया गया। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। इनमे घटनास्थल के आसपास कोई सदिग्ध व्यक्ति आते जाते दिखाई नही दिया। प्रार्थीया के घर के आसपास रहने वाले पड़ौसियों से अनुसंधान किया तो उन्होने भी बताया की जिस समय घटना घटित होना बताया जा रहा है उस समय इस गली में कई लोग खाना खाकर टहल भी रहे थे मगर किसी भी व्यक्ति द्वारा ऐसी किसी घटना घटीत होने की पुष्टी नहीं की। जिला एमओबी व विधि विज्ञान केन्द्र उदयपुर से विशेषज्ञो की टीम भी बुलाकर मौका मुआयना करवाया गया। तकनिकी आधार पर प्रयास किये गये। अनुसंधान व पत्रावली पर आये सम्पूर्ण साक्ष्यों से घटना सदिग्ध होना पाए जाने पर प्रकरण में प्रार्थीया जुगनु व उसके पति हंसमुख जैन से पुनः विस्तृत अनुसंधान व पुछताछ की गई तो प्रार्थीया द्वारा बताया गया उसके पति व उनके सभी भाईयो के करीब 3,90,000/- रूपये शामलाती थे जो उनके पास घर की आलमारी रखे हुए थे। जो पैसे उसने व उसके पति ने अन्य कार्य में खर्च कर दिये थे। यह बात उसके देवर जेठ का पता नही थी। चुकि उसके पति के पास अपने भाईयो को वापस देने के लिए इतने पैसे नही होने से उसने व उसके पति ने मिलकर यह लूट की कहानी बनाई थी। उसके घर मै कोई व्यक्ति नहीं घुसा था व न ही किसी ने उस पर स्प्रे का छीड़काव किया था। उनके घर से रूपये व जेवरात की कोई लूट भी नही हुई थी। उसके गहने उसके पास सुरक्षित है।