cसर्विस सेंटर पर आने वाली गाड़ियां चुराने वाले बदमाश पकड़े

Facebook
Twitter
WhatsApp

सर्विस सेंटर पर आने वाली गाड़ियां चुराने वाले बदमाश पकड़े

इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लक्जरी गाड़ियों की चॉबी कॉपी कर जीपीएस लगा देते

 

उदयपुर. लक्जरी गाड़ियां चुराने के लिए पहले तो ​सर्विस सेंटर खोला। वहां गाड़ियों की धुलाई करते और इसी दौरान उस गाड़ी की चाबी को दिल्ली से लाए इलेक्ट्रॉनिक मशीन से कॉपी कर लेते थे। यहीं नहीं उस गाड़ी में जीपीएस लगा देते थे और बाद में उस पर निगरानी रखते थे। जैसे ही मौका मिलता गाड़ी ले भागते।

उदयपुर में दो शातिर बदमाशों के इस खेल का उदयपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने एक मामले की जांच के दौरान दो आरोपियों को उदयपुर-पिंडवाड़ा हाइवे पर पकड़ा। पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ। जालोर जिले के इन बदमाशों से चोरी की गई तीन गाड़ियां भी जब्त की। पुलिस को यह भी पता चला कि इन्होंसे ऐसे कुल 31 गाड़ियों की चॉबी को कॉपी कर उनमें जीपीएस लगा दिया।

उदयपुर के एडिशन एसपी शहर उमेश ओझा ने सुखेर थाने में आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एसपी योगेश गोयल ने ऐसा मामला सामने आने पर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए जिस पर डिप्टी चांदमल सिंगारिया के सुपरविजन में सुखेर थानाधिकारी हिमांशुसिंह राजावत के निर्देशन मे एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया।

बदमाश स्कॉर्पियो गाड़ी में थे हाइवे पर

एएसपी ओझा ने बताया कि टीम द्वारा तकनीकी एवं मुखबीरों के माध्यम से खोजबीन प्रारम्भ की तो महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई। इसके तहत उदयपुर शहर मे एक सिल्वर रंग की टीएन 19 एए 1105 की स्कॉर्पियो गाड़ी मे दो व्यक्ति घूम रहे है जिनकी गतिविधिया संदिग्ध लगी और उनको एनएच 27 पर देखा गया। पुलिस की टीम ने एनएच 27 पर पहुंच मुखबीर के बताए हुलिए के अनुसार तलाश की गई तो बताए हुलिए की एक स्कॉर्पियो गाड़ी में दो व्यक्ति दिखाई दिए।

ऐसे करते थे लक्जरी गाड़ियों की चोरी

एएसपी ओझा ने बताया कि आरोपियों ने चोरी के नए तरीके का प्लान बनाकर सबसे पहले उदयपुर शहर के आयड़ पुलिया के पास लेकसिटी मॉल में एक एक्सेस डिटेलिंग नाम से वांशिग एवं सर्विस सेन्टर खोला जिसमें मॉल घुमने आने वाले लोगों की गाड़ी धुलाई के नाम पर अपने सेन्टर पर ले जाते।

धुलाई के बहाने गाड़ी का पूरा डाटा स्कैन कर लेते थे
उन्होंने बताया कि गाडी की सफाई के साथ-साथ वे नई दिल्ली से लाए वाहन के इलेक्ट्रॉनिक मैकनिजैयम ब्रेक करने की मशीन से धुलाई के बहाने वाहन के अन्दर उक्त मशाीन को लगाकर उसका सम्पूर्ण डाटा स्कैन कर लेते थे। ये मशीन 5.50 लाख में खरीद कर लाए थे।

लगा देते जीपीएस जो दस दिन चलता था
एएसपी ने बताया कि उसके बाद में उस गाड़ी में खुद का जीपीएस लगा देते जो चार्जबल तथा उच्च क्षमता का होकर 10 दिन तक उसका बैट्ररी बैकअप रहता था। उसको लगाने के बाद गाड़ी वाहन स्वामी को सुपुर्द कर देते थे। स्कैनर मशीन से किए गए डाटा से उक्त गाड़ी की इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से चाबी को कॉपी कर एक नई चाबी बनाई जाती थी। इसके बाद ये बदमाश उस गाड़ी पर उसमें लगे जीपीएस को ट्रेक करते हुए पूरी निगरानी रखते थे और जैसे ही मौका मिलता गाड़ी चूरा लेते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

शेयर बाजार अपडेट

मौसम का हाल

क्या आप \"Patrika Tv Livenews\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Our Visitor

0 0 6 5 4 7
Users Today : 4
Users Yesterday : 35