कोरम के अभाव में जिला परिषद की मीटिंग रद्द

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कोरम के अभाव में जिला परिषद की मीटिंग रद्द

जिला प्रमुख बोले- सांसद के नहीं आने से बैठक बीच में ही खत्म की

चित्तौड़गढ़. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आज आयोजित की गई। मीटिंग में सदस्यों की संख्या भी पूरी नहीं हुई। ऐसे में आधी मीटिंग होने के बाद इसे सोमवार को वापस करने का फैसला लिया गया। कोरम के अभाव में यह मीटिंग बीच में ही छोड़ दी गई। कुछ ही विभागों से चर्चा की गई। वहीं, जिला प्रमुख ने इस बात से इंकार करते हुए मीटिंग बीच में ही रद्द करने का कारण सांसद का नहीं पहुंचना बताया। इसके अलावा ग्राम पंचायत कपासन के सभी सचिवों द्वारा नरेगा के कामों को लेकर पांच प्रतिशत की रिश्वत की मांग करने का मुद्दा भी सामने आया। कपासन विधायक ने इसकी शिकायत जिला प्रमुख से की।

जिला प्रमुख बोले मीटिंग में नए अधिकारियों से किया परिचय

आज बुधवार को जिला परिषद की साधारण सभा की मीटिंग आयोजित हुई। लेकिन कोरम के अभाव में मीटिंग को आधे में ही रद्द कर दिया गया। शुरू में यह मीटिंग विधिवत रूप से चल रही थी। अचानक सदस्यों के पूरे नहीं होने के सवाल पर जिला प्रमुख ने बैठक ही रद्द कर दी। इससे पहले जिला प्रमुख, कपासन विधायक, एसीईओ और जिला परिषद के सदस्यों के चलती मीटिंग के बीच बंद कमरे में चर्चा हुई। चर्चा के बाद ही इस मीटिंग को रद्द किया गया। जिला प्रमुख भूपेंद्रसिंह बाड़ोली से पूछा गया तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि जिले में कई नए अधिकारी आए हुए हैं। आज की बैठक में सिर्फ सभी से परिचय करना ही हुआ है। मीटिंग में 8 सदस्य आए हैं। कुछ सदस्य सीएम विजिट की तैयारियों को लेकर निंबाहेड़ा में हैं। कुछ जने श्री सांवलिया जी प्रोग्राम में है। ऐसे में कई जने आ नहीं पाए। कोरम के अभाव में मीटिंग रद्द नहीं हुई है। हम चाहते थे कि आने वाले दोनों में पानी की समस्या आने वाली है। इसको लेकर आचार संहिता लगने से पहले सांसद से चर्चा की जाए। आज सांसद सीपी जोशी के बिजी होने के कारण यह मीटिंग अब सोमवार को रखी गई है।

मीटिंग में पानी का मुद्दा छाया रहा

मीटिंग की शुरुआत से ही पानी की समस्या को लेकर चर्चाएं चलती रही। टैंकरों से पानी की सप्लाई ज्यादा करने और ट्यूबेल का काम कम करवाने पर भी बात की गई। जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह का कहना है कि ग्राउंड वाटर लेवल भी काम है इसकी वजह से ट्यूबवेल भी करवाना सक्सेस नहीं होगा। ऐसे में टैंकरों की सप्लाई बढ़ानी चाहिए। इसके अलावा रसद विभाग, श्रम विभाग, सिंचाई विभाग, सीएमएचओ, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, महिला एवं अधिकारिता विभाग, कृषि विभाग के अधिकारियों से चर्चा हुई।

सरपंचों ने की शिकायत, सचिवों द्वारा मांगी जाती है रिश्वत

कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर ने बताया कि कपासन पंचायत समिति के कई सरपंचों ने सभी ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत की है। सरपंचों का आरोप है कि नरेगा में काम जारी रखने के लिए सरपंचों से पांच प्रतिशत की रिश्वत राशि मांगी जाती है। सरपंचों का कहना है कि नरेगा के वैसे भी रुपए 3 महीने में एक बार आता है। ऐसे में हम मार्केट से उधार लेकर नरेगा का काम करवाते हैं। ग्राम विकास अधिकारियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। मना करने पर काम बंद करवाने की धमकी देते हैं। कपासन विधायक ने कहा कि इस संबंध में जिला प्रमुख को शिकायत दे दी गई है। हमारी डबल इंजन की सरकार है। जीरो टोलरेंस पर काम करती है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। रिश्वत करने की मांग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सचिव को रिश्वत मांगने का अधिकार नहीं है। यह उनका काम है और सरकार उन्हें बदले में सैलरी देती है।

 

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