उदयपुर, 02 मार्च। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल के मावली दौरे के दौरान क्षेत्रीय सांसद श्री सीपी जोशी ने क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई के पानी की समस्या की ओर ध्यान दिलाते हुए बागोलिया बांध को फीडर के माध्यम से भरने की योजना बनाने का आग्रह किया था। इस पर मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टर को मौके पर जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए योजना की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। निर्देशों की पालना में जिला कलक्टर श्री अरविंद पोसवाल शनिवार को बागोलिया बांध पहुंचे। उन्होंने यहां जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर बांध में पानी की आवक को लेकर विभिन्न विकल्पों पर विस्तार से विचार विमर्श किया।
शनिवार दोपहर जिला कलक्टर बागोलिया बांध पहुंचे। यहां पर उन्होने जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों व अधिकारियों के साथ पाल पर करीब डेढ किलोमीटर पैदल चलकर बांध का अवलोकन किया। पाल पर खड़े होकर उन्होने बांध की भराव क्षमता, केचमेंट एरिया, सिंचित क्षेत्र, ओवरफ्लो आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। पास ही बड़ियार ग्राम पंचायत भवन में आयोजित बैठक में उन्होने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय सांसद इस क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई जल समस्या के समाधान को लेकर गंभीर है। इसके लिए बजट की कोई समस्या नहीं है।
तीन प्रस्तावों पर किया गया विचार
बैठक में प्राप्त विभिन्न सुझावों के आधार पर मुख्य रूप से तीन प्रस्तावों पर विचार किया गया। पहले प्रस्ताव में बागोलिया को उदय सागर से भरे जाने पर चर्चा की गई। विभाग अधिकारियों ने अवगत कराया कि इस संबंध में पूर्व में डीपीआर बनाई गई थी लेकिन बागोलिया बांध को पानी देने पर उदय सागर बांध के नीचे बने हुए बांध वल्लभनगर, बड़गांव एवं बीसलपुर की भराव क्षमता प्रभावित होने के कारण उस डीपीआर को उपयुक्त नहीं माना गया था। इस पर बैठक में उपस्थित जन प्रतिनिधियों ने कहा कि पूर्व में उदयसागर से 185 एमसीएफटी पानी हिंदुस्तान जिंक को दिया जाता था जो वर्तमान में नहीं दिया जा रहा है। अतः इस पानी को बागोलिया बांध के लिए डाइवर्ट किया जा सकता है। जिला कलक्टर ने इस प्रस्ताव के अनुरूप डीपीआर शीघ्र तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
दूसरा प्रस्ताव में नंद समंद बांध से फीडर निर्माण कर बागोलिया तक पानी लाने पर विचार किया गया। जिला कलक्टर ने इस संबंध में विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा। तीसरे प्रस्ताव के अनुसार माही, अनास बेसिन के अधिशेष पानी को जाखम बांध से जोड़ते हुए जयसमंद, राजसमंद, बड़गांव, मेजा, भोपाल सागर बांध के साथ बागोलिया को भी भरा जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रस्ताव अभी सैद्धांतिक स्तर पर ही चल रहा है।
ये रहे उपस्थित
बैठक में पूर्व विधायक दलीचंद डांगी, पूर्व उप प्रधान व सरपंच कृष्ण गोपाल पालीवाल सहित बड़ियार, बोर का कुआ, नाई का ढाणा, मरतड़ी, सालेरा खुर्द, फतहपुरा, लदानी, टेरिया सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण उपस्थित थे। जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश टेपण, अधीक्षण अभियंता मनोज जैन, अधिशाषी अभियंता गणपत शर्मा, सहायक अभियंता निर्मल मेघवाल, कनिष्ठ अभियंता जगदीश डांगी सहित विभाग के राजसमंद व चित्तौड़गढ़ के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बागोलिया बांध एक नजर में
मावली क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई के लिए बागोलिया बांध ही एकमात्र बड़ा स्रोत है। 1956 में निर्मित इस बांध की कुल भंडारण क्षमता 686 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) है। इससे 17 गांवों की 3676 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। पिछले 25 वर्षों में बांध सिर्फ एक बार 2006 में पूर्ण भरा था। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की लंबे समय से मांग रही है कि इस बांध को फीडर बनाकर भरा जाए ताकि क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान हो सके। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के दौरे पर भी यह मांग उठी थी।