झूठी गवाही देने पर मामला दर्ज करने के आदेश
रेप का आरोप लगाकर पलटी पीड़िता के खिलाफ जिला जज का आदेश
राजसमंद. झूठी गवाही देने पर आरोपी महिला के खिलाफ जिला एवं सेशन न्यायालय राजसमंद ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय में जानबूझकर झूठी गवाही देने की आरोपी महिला के खिलाफ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमंद राघवेंद्र काछवाल ने आपराधिक प्रकरण की कार्यवाही किए जाने का आदेश दिया।
लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा के अनुसार 25 जुलाई 2019 को पीड़िता ने भीम पुलिस थाने में रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया कि 29 जून 2019 को अपने पति विक्रम सिंह के साथ अपनी ननद मीना देवी व के घर छापली मिलने गए थे। उनके पति ने नैनू सिंह को फोन करके छापली बुलाया और पीड़िता को घर छोड़ने के लिए कहा। विक्रम नैनू के यहां नौकरी करता था और उसकी टैक्सी चलाता था। नैनू सिंह जीप लेकर वहां पहुंच गया और जीप उसे अपने साथ ले गया।
कुछ देर गाड़ी चलाने के बाद भीम के आसपास नैनू सिंह ने गाड़ी में उससे रेप किया। विरोध किया जिस पर उसने कहा कि वो उसका एक्सीडेंट करके मार देगा जिससे वो काफी डर गई। पीड़िता ने नैनू सिंह को समझाने की कोशिश की कि उसका पति उनके यहां 12-13 साल से ड्राइविंग का काम कर रहा है और वह उनकी छोटी बहन जैसी है लेकिन वह नहीं माना और उसके साथ बलात्कार किया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ भी बताया तो उसको वह उसके पति दोनों को मार देगा।
बोली नैनू ने उसके साथ कुछ नहीं किया
इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी नैनू सिंह रावत के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय में पीड़िता के सशपथ बयान दर्ज किए गए जिसमें पीड़िता ने बताया कि नैनू सिंह ने उनके साथ कुछ भी नहीं किया था। उनके पति ने जेवर व पैसों के लिए नैनू सिंह पर मुकदमा करवाया था। जिसके बाद जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा आरोपी नैनू सिंह को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया।
इस मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय ने पीड़िता द्वारा सच जानते हुए व जानबूझकर झूठी गवाही देने के आरोप में नोटिस दिए जाने व पीड़िता के खिलाफ अलग से विविध आपराधिक प्रकरण की कार्रवाई करने के आदेश दिए।