उदयपुर जयपुर, 15 फरवरी। लोकसभा आम चुनाव 2024 में मतदान के लिए अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 32 लाख से ज्यादा मतदाता पंजीकरण करा चुके हैं, जो कि 2019 के लोकसभा आम चुनावों से करीब 46 लाख अधिक है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम-2024 (एसएसआर 2024)के बाद और आम चुनाव 2024 से पहले निर्वाचन विभाग, राजस्थान ने 1 जनवरी, 2024 की अर्हता तिथि के संदर्भ में 8 फरवरी 2024 को राज्य के सभी जिलों में 199 विधानसभा क्षेत्रों की अंतिम मतदाता सूचियां प्रकाशित की। करणपुर-03 विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण के बाद प्रकाशन 13 फरवरी को किया गया। करणपुर में विधानसभा चुनाव-2023 के स्थगित होने के कारण सूची प्रकाशन में देरी हुई। इन सूचियों को अधिकतम समावेशी और शुद्ध बनाने के लिए बेहतर योजना, समन्वय और सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ प्रयास किए गए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने बताया कि भारत का चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता सूची तैयार करता है। इस क्रम में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने के लिए 29 मई, 2023 को 1 जनवरी, 2024 को अर्हता तिथि के आधार पर मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसएसआर) आयोजित करने का आदेश दिया। राजस्थान में 199 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एसएसआर 8 फरवरी, 2024 को आयोजित और समाप्त किया गया है और करणपुर विधानसभा की अंतिम मतदाता सूची को 13 फरवरी को प्रकाशित किया गया है।
श्री गुप्ता ने बताया कि समावेशी, स्वस्थ, शुद्ध और पारदर्शी रूप से तैयार की गई मतदाता सूचियाँ स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव की नींव हैं। यह आयोग की प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल होने के अपने अधिकार से वंचित न रहे और जहां तक संभव हो सके मतदाता सूची त्रुटि मुक्त और बिना किसी डुप्लिकेट और अयोग्य प्रविष्टियों के तैयार हो।
इस क्रम में निर्वाचन विभाग ने संशोधन-पूर्व गतिविधियों पर विशेष जोर दिया, जिसमें एसएसआर गतिविधियों में शामिल सभी क्षेत्रीय अधिकारियों का प्रशिक्षण और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर गहन सत्यापन शामिल है। सभी गैर-नामांकित पात्र नागरिकों, आगामी अर्हता तिथियों के संदर्भ में संभावित निर्वाचकों, एक से अधिक प्रविष्टियों/मृत निर्वाचकों/स्थायी रूप से स्थानांतरित निर्वाचकों के विषय में मतदाता सूची में सुधार किए गए।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम-2024 के मुख्य बिंदू
समावेशी भागीदारीः विस्तृत योजना और समन्वय के साथ तैयार की गई मतदाता सूचियाँ अधिक समावेशी हैं और राज्य के मतदाताओं की जीवंत विविधता को दर्शाती हैं। अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में कुल 5.32 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।
लैंगिक समानताः उल्लेखनीय है कि महिला मतदाताओं के पंजीकरण का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा है। यह लोकतंत्र को आकार देने में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का संकेत है। वर्ष 2019 के मुकाबले 22.54 लाख से अधिक महिला मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया गया है। पुरुष मतदाताओं के पंजीकरण में 9.27 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले महिला मतदाताओं के पंजीकरण में 9.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लैंगिक समानता की दिशा में गहन प्रयासों के कारण मतदाता सूची में लिंग अनुपात में भी सकारात्मक वृद्धि हुई है। लिंग अनुपात वर्ष 2019 में 919 था, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 923 हो गया।
युवा मतदाताः 18-19 आयु वर्ग के 15 लाख से अधिक युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है। शैक्षणिक संस्थानों से ही नामांकन की सुविधा के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर समर्पित सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) के माध्यम से युवा नागरिकों को पात्र मतदाता बनाने के लिए प्रयास किए गए। 17 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के लिए अग्रिम आवेदनः प्रदेश में कुल 1.43 लाख से अधिक अग्रिम आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो आगामी 4 तिमाही की अहर्ता तिथियों 1 अप्रेल, 1 जुलाई, 1 अक्टूबर सें संबंधित है। इन अग्रिम आवेदनों का निस्तारण संबंधित तिमाही में किया जाएगा।
दिव्यांग मतदाताः इसी प्रकार, मतदाता सूची डेटाबेस में लगभग 5.72 लाख दिव्यांग मतदाताओं को चिन्हित करके उनके सशक्तिकरण के सराहनीय प्रयास किए गए। यह समावेशन मतदान की प्रक्रिया में इन व्यक्तियों की पहुंच सुनिश्चित करेगा। वर्ष 2019 के मुकाबले पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के पंजीकरण में 31.3 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सतत प्रयास बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गहन सत्यापन के बाद, मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित और डुप्लिकेट मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इस शुद्धिकरण से चुनाव प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित हुई है। विधानसभा चुनाव 2023 के बाद से पंजीकरण की अंतिम तिमाही के दौरान मतदाताओं की मृत्यु होने, डुप्लिकेट नाम, स्थानांतरण या अनुपस्थित मतदाताओं के कारण सूचियों से 2,65,707 नाम हटाए गए हैं। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों पर फोकस विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के 100 प्रतिशत पंजीकरण को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं, जिससे मतदाता सूचियां सर्वाधिक समावेशी बन गई हैं। राज्य में पीवीटीजी, घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु आदि जातीय समूहों के 2.17 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत है।
’मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया जारी’
मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया 8 फरवरी के बाद भी जारी रहेगी। जिन लोगों ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है, वे अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते हैं। लोकसभा आम चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक पूरक सूचियां अपडेट की जाएंगी। मतदाताओं के पंजीकरण के लिए नागरिक भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता सेवा पोर्टल, मतदाता हेल्पलाइन ऐप और बीएलओ ऐप का उपयोग कर सकते हैं।