रूफटॉप सोलर सिस्टम से ₹8 प्रति-दिन में मिलेगी बिजलीःजानें इसे लगवाने की प्रोसेस, सरकार ने ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ भी लॉन्च की
अगर आपके घर की बिजली का बिल 2,500 से 3,000 रुपए आ रहा है तो ये 8 रुपए प्रतिदिन यानी 240 रुपए महीना हो सकता है। इसके लिए आपको घर पर 3Kw का रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगवाना होगा। इसकी लाइफ 25 साल की है और लगाने का खर्च 72,000 रुपए।
केंद्र सरकार इसके लिए साल 2014 से ‘नेशनल रूफटॉप स्कीम’ चला रही है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ का भी ऐलान किया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी।
ऐसे में इस स्टोरी में हम बता रहे हैं कि सरकारी योजना के तहत आप अपने घर पर रूफटॉप सोलर सिस्टम कैसे लगवा सकते हैं…
रूफटॉप सोलर सिस्टम से ₹४ प्रति दिन में 25 साल तक मिलेगी बिजली अगर आपका बिजली बिल 2,500 से 3,000 के बीच आता है तो 3Kw के सोलर प्लांट से आपके पूरे घर की बिजली की पूर्ती हो सकती है। सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, 3Kw के प्लांट के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट करीब 1.26 लाख रुपए होती है, इसमें से सरकार 54 हजार की सब्सिडी देती है।
यानी आपको इस प्लांट को लगाने के लिए करीब 72 हजार रुपए ही खर्च करने होंगे। इस प्लांट की अनुमानित लाइफ 25 साल की है। इस हिसाब से 25 साल की बिजली के लिए हर दिन आपको केवल 8 रुपए खर्च करने होंगे। सोलर पैनल की क्वालिटी और अन्य सर्विसेज के आधार पर कीमत बढ़ भी सकती है।
सूर्योदय योजना क्या है?
सूर्योदय योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप के कमजोर लोगों के घरों पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करेगी। इससे उनकी खुद की बिजली की जरूरत तो पूरी होगी ही, साथ ही एक्सट्रा इलेक्ट्रिसिटी बेचकर कमाई भी कर सकेंगे। योजना के ऐलान के साथ ही पीएम मोदी ने इस कैंपेन के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने की बात कही है।
सूर्योदय योजना के तहत 1 करोड़ घरों का टारगेट नया है। हालांकि, घर की छतों पर सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने का काम सरकार पिछले एक दशक से ज्यादा समय से चल रही सरकारी योजना ‘नेशनल रूफटॉप स्कीम’ के तहत पहले से कर रही है, लेकिन यह प्रोग्राम तय समय से काफी पीछे चल रहा है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के फायदे
• यह योजना ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
• यह योजना लोगों को बिजली के बिलों में बचत करने में मदद करेगी।
• यह योजना पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मददगार साबित होगी।
पहले से चल रही योजना क्या है?
2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नेशनल रूफटॉप स्कीम’ के तहत 2022 तक देश में 100 गीगावॉट सोलर पावर इंस्टॉल करने का टारगेट रखा था। यह उस समय के मौजूदा लक्ष्य से पांच गुना ज्यादा था। इस कैपेसिटी का चालीस प्रतिशत यानी 40 गीगावॉट ग्रिड से जुड़े सोलर रूफटॉप सिस्टम्स से लाने का टारगेट था।
सरकार का 2022 के लिए 100 गीगावॉट का टारगेट लंबे अंतर से चूक गया। रूफटॉप इंस्टॉलेशन का टारगेट भी पूरा नहीं हो सका है। पिछले साल के आखिरी में देश में टोटल सोलर इंस्टॉल कैपेसिटी 73.3 गीगावॉट तक पहुंच गई थी, जिसमें ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर सिस्टम्स का योगदान लगभग 11 गीगावॉट था।
सरकार का लक्ष्य से पीछे रह जाने का एक कारण कोविड-19 महामारी के कारण आई काम में रुकावट रहा था। हालांकि, उससे पहले भी सोलर पावर की ग्रोथ तय टारगेट के हिसाब से तेज नहीं रही थी। सरकार का रूफटॉप सोलर सिस्टम्स के लिए 40 गीगावॉट का लक्ष्य अब 2026 तक हासिल किया जाना है।
नेशनल रूफटॉप स्कीम में 40% सब्सिडी दे रही सरकार
• 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने पर 40% सब्सिडी दी जाती
है।
• 10 किलोवाट के पैनल लगाते हैं, तो सरकार आपको 20% सब्सिडी देगी।
• रूफटॉप सोलर योजना के तहत सब्सिडी 31 मार्च 2026 तक दी जाएगी।
क्या होता है रूफटॉप सोलर पैनल?
रूफटॉप सोलर पैनल घर की छत पर लगाए जाते हैं। इन पैनलों में सोलर की प्लेट लगी होती है। यह ऐसी तकनीक है जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा सोखकर बिजली प्रोड्यूस करती है। पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं जो सौर ऊर्जा को बिजली में तब्दील कर देते हैं। यह बिजली वहीं काम करती है जो पावर ग्रिड से आई बिजली करती है।