संसद की गाइडलाइन में अब सीआईएसएफ भी: बजट सत्र से 8 दिन पहले पोस्ट ऑफिस, संसदीय कर्मचारियों को निर्देश- कॉम्प्लेक्स में फोटो-वीडियो न लें
संसद भवन की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती कर दी गई है। CISF के 140 कर्मियों वाली टुकड़ी अब संसद की कार्रवाई देखने आने वाले दर्शकों और उनके सामान की तलाशी लेगी।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होना है।
साल 13 दिसंबर को कुछ लोग संसद में घुस आए थे। उन्होंने सदन में रंगीन धुआं छोड़ा था। इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा की समीक्षा की थी। इसके बाद CISF तैनात करने की मंजूरी दी गई थी।
फायर सेफ्टी का काम भी देखेगी CISF
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि CISF के कुल 140 जवानों ने सोमवार (22 जनवरी) से ही संसद परिसर में मोर्चा संभाल लिया है। CISF संसद भवन की फायर सेफ्टी का काम भी देखेगी।
अभी CISF के सुरक्षाकर्मियों ने संसद सुरक्षा में पहले से मौजूद अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संसद परिसर का जायजा लिया। जिससे वे 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने पर काम के लिए तैयार रहें।
CISF संसद भवन आने वालों और उनके सामान की जांच एक्स-रे मशीनों, हाथ से पकड़े जाने वाले डिटेक्टरों से करेगी। यहां तक कि जूते को भी स्कैन किया जाएगा। भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे पर रखकर एक्स-रे स्कैनर से गुजारा जाएगा।
नए और पुराने दोनों संसद भवन की सुरक्षा CISF करेगी। संसद सुरक्षा में पहले से तैनात संसद सुरक्षा सेवा (PSS), दिल्ली पुलिस और CRPF का पार्लियामेंट का ड्यूटी ग्रुप (PDG) भी तैनात रहेगा।
CISF के पास अभी एटॉमिक, दिल्ली मेट्रो, हवाई अड्डे और एयरोस्पेस से जुड़े संस्थानों समेत कई सार्वजनिक संस्थानों की इमारतों की सिक्योरिटी का जिम्मा है।
स्टाफ को संसद में फोटो, वीडियो नहीं लेने के निर्देश
उधर, पार्लियामेंट स्टाफ को संसद भवन परिसर के अंदर तस्वीरें क्लिक करने और वीडियो बनाने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत तस्वीरें क्लिक करने और वीडियो बनाने की अनुमति नहीं हैं। संसद भवन के कार्यवाहक संयुक्त सचिव (सुरक्षा) ने एक सर्कुलर जारी किया है इसमें कहा गया है कि बार-बार निर्देश के बावजूद, कुछ अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं।
9 जनवरी को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि संसद परिसर की सुरक्षा को सबसे अधिक खतरा है। इसकी कारण सुरक्षा के एक पार्ट के रूप में, संसद भवन परिसर में फोटोग्राफी/वीडियो शूटिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है। कैमरे, जासूसी कैमरे और स्मार्टफोन संसद परिसर की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं।
संसद भवन में काम करने वाले लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय, संसदीय कार्य मंत्रालय और अन्य संबद्ध एजेंसियों के अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा गया है कि संसद भवन परिसर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी न करें। सर्कुलर में कहा गया है कि मोबाइल फोन/स्मार्ट फोन रखने वाले अधिकारी, कर्मचारी और दर्शकों को संसद भवन परिसर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
संसद की सुरक्षा में हुई थी चूक
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक हुई थी। कुछ लोग संसद में घुसने में सफल रहे थे। इन्होंने सदन में जाकर रंगीन धुआं छोड़ा था। बाद में सभी को पकड़ लिया गया था।