उदयपुर 16 जनवरी। केन्द्र सरकार द्वारा पशुधन विकास एवं पशुरोग नियंत्रण के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले बजट का शत्-प्रतिशत उपयोग करने से ही राज्य में पशुपालन का सर्वागीण विकास संभव है। यह बात पशुधन सांख्यिकी में सुधार के लिए तकनीकी समिति की वार्षिक बैठक के उद्घाटन सत्र में मुख्य आतिथ्य के रूप में भारत सरकार के पशुपालन कमिश्नर एवं टीसीडी कमेटी के चेयरमैन डॉ.अभिजीत मित्रा ने दिए। डॉ.मित्रा ने कहा कि वर्तमान में भारत वर्ष में स्ट्रीट पशुओं की भयंकर समस्या है। आंकड़ों के आधार पर इससे निजात पाने के लिए हमें विशेष कार्यक्रमों का निर्माण कर क्रियान्वयन करना होगा। पशुरोग नियंत्रण के लिए समय-समय पर केन्द्र सरकार द्वारा दिये जाने वाले दिशा-निर्देशो की समस्त राज्यों द्वारा पालना सुनिश्चित हो।
विशिष्ट अतिथि पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास सीताराम भाले ने समस्त राज्यों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कि राजस्थान में पशुपालन आर्थिक रूप से रीढ़ की हड्डी है। सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से भी पशुपालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। राजस्थान में पशुधन आंकडों का विशेष महत्व है। श्री भाले ने समस्त अधिकारियों से अपेक्षा की इन आंकडों के आधार पर जिन क्षेत्रों में पशुपालन कमजोर है, उन क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर उस क्षेत्र के पशुपालकों को लाभान्वित करें।
इस अवसर पर भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी के सांख्यिकी सलाहकार जगत हजारिका ने कहा कि पशुधन के सही आंकड़े प्राप्त होने पर ही हम उसके अनुरूप कार्यक्रम योजनाएं एवं नीतियां बना सकते है, जो किसानों की आय दुगुनी करने के लिए मददगार हो सके। भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र के राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आंकड़ों का संकलन सत्यता एवं गुणवत्ता के अनुरूप होने पर ही इसका सही मूल्यांकन होगा, एवं अपेक्षित परिणाम प्राप्त होंगे। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ.भवानी सिंह राठौड़ ने राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मौसम मे विभिन्नता होने के कारण पशु उत्पाद के प्राप्त आंकड़ों का सही मूल्यांकन करने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि पशुधन उत्पादन सर्वेक्षण एवं पशुगणना कार्य को चुनौती रूप में स्वीकार कर दिए गए दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्य करें। भारत सरकार के पशुपालन डेयरी के सांख्यिकी निदेशक वी.पी सिंह ने कहा कि इस तकनीकी समिति की बैठक से राज्यों के अधिकारियों को पशुधन सांख्यिकी से संबंधी समस्याओं का आपसी विचार-विमर्श से समाधान किया जाएगा। इस अवसर पर राज्य के राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रकाश भाटी, सूर्य प्रकाश त्रिवेदी, संयुक्त निदेशक डॉ. पदमचन्द जैन, डॉ शक्ति सिंह, उपनिदेशक डॉ सुनीता सेजरा, डॉ.राजेश शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरेन्द्र छंगाणी ने किया।