उदयपुर, 12 जनवरी। उदयपुर बर्ड फेस्टिवल 2024 के 10वें संस्करण का उद्घाटन समारोह शुक्रवार को लेक पिछोला के किनारे स्थित कालका माता नर्सरी के समीप व गोल्डन पार्क में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन व विशिष्ट अतिथि संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, मुख्य वन संरक्षक आर.के.सिंह व आर.के.जैन, समाजसेवी रवीन्द्र श्रीमाली आदि रहे। अतिथियों ने पक्षियों को छोड़कर एवं तिरंगी आभा के गुब्बारे उड़ाकर फेस्टिवल का शुभारंभ किया।
विधायक जैन ने कहा कि उदयपुर पर प्रकृति की विशेष कृपा है। यह झीलों के साथ यहां के प्राकृतिक व नैसर्गिक सौंदर्य के लिए भी विश्व विख्यात है। यहां का प्राकृतिक परिवेश बहुत खुबसूरत है और हम सभी का दायित्व है कि इसे सहेज कर रखें और इसके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करें। यहां आस-पास काफी तालाब है जहां देश-विदेश से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी आते हैं उनके बारे में यहां की युवा पीढी को प्रेरित करना होगा। संभागीय आयुक्त भट्ट ने इस आयोजन के लिए वन विभाग को बधाई दी और कहा कि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की महती आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न विद्यालयों से आये बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व बताते हुए कहा कि युवा पीढ़ी का दायित्व है कि ऐसे आयोजनों से जुड़कर पर्यावरण मित्र बने। संभागीय मुख्य वन संरक्षक सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और वन विभाग की ओर से शहर में किये गये नवाचारों एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी। मुख्य वन संरक्षक जैन ने उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और विभागीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
अतिथियों व गणमान्य जनों सहित लगभग 1500 विद्यार्थियों व प्रकृति प्रेमियों को बर्ड वॉचिंग करवाई गई। वहीं विभिन्न स्कूली विद्यार्थियों ने स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में परिंदों की दुनिया एवं उनके जीवन चक्र का आकर्षक चित्रण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। विधायक जैन ने प्रतिभागियों को वेटलैंड मित्र व पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई। अतिथियों ने स्मारिका व पक्षी परिचय पुस्तिका का विमोचन किया। विधायक एवं संभागीय आयुक्त ने हाथ पर बर्ड का टेटू भी बनवाया।
कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य के लिए वन विभाग के तीन कार्मिक विनोद तंवर, अनुराग अरोड़ा व कालू सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपवन संरक्षण अरूण कुमार डी, सुगनाराम जाट, अजय चित्तौड़ा, सोनल जोनीहार, यादवेंद्र सिंह चुण्डावत, एन.एस.देवड़ा, डॉ. आलोक गुप्ता, डी.के.तिवारी, पक्षी विशेषज्ञ राजपाल मिस्त्री, विक्रम सिंह, अनिल छंगानी, मनोज कुलश्रेष्ठ, ममता शर्मा सहित विभिन्न पक्षीवद् और पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।