सतत विकास सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन“ विषयक संगोष्ठी का समापन क्वालिटी रिसर्च के लिए नवाचारों को अपनाना एवं नए-नए क्षेत्र पर कार्य करना होगा-प्रो.ठाकुर

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उदयपुर, 9 जनवरी। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संघटक विज्ञान संकाय एवं प्रबंध संकाय के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘सतत विकास सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन“ विषय को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय शैक्षिक संगोष्ठी का समापन मंगलवार को हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा कुलपति प्रो. के. एस.ठाकुर ने अपने उद्बोधन में 100 वर्ष से अधिक प्राचीन ज्ञान के मंदिर को नमन करते हुए शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं दी और कहा कि वट वृक्ष के रूप में अपने को स्थापित कर चुका यह संस्थान अनगिनत मेधावी प्रतिभाशाली एवं विद्वान व्यक्तियों को देशहित के लिए प्रदान कर चुकी है। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप का आयोजन शोधार्थी तथा विद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने क्वालिटी रिसर्च पर बल देते हुए कहा कि क्वालिटी रिसर्च के लिए नवाचारों को अपनाना एवं नए-नए क्षेत्र पर कार्य करना होगा तथा रिसर्च की सिंगनिफिकेंस वैल्यू भी देखनी होगी। विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. शिव सिंह सारंगदेवोत ने बताया कि सतत विकास आर्थिक विकास का दूसरा नाम है जो पर्यावरण के अनुकूल है। जिसका उद्देश्य पर्यावरण, आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिरता के बीच एक सतत संतुलन प्राप्त करना है।  सतत विकास हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और सुधार के लिए लगातार प्रेरित करता है। प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार है। प्रदूषण, गरीबी और बेरोज़गारी को कम करके इसे शीघ्रता से पूरा किया जा सकता है। पर्यावरण को संरक्षित करते हुए भावी पीढ़ियों को आकार देने और उनके लिए आवश्यक चीजें प्रदान करने में छात्रों को संलग्न करने में शिक्षा महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने ऊर्जा के संवर्धन, जल संग्रहण, ई- वेस्ट, जीरो पॉल्यूशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स,कृषि में फसल की मात्रा बढ़ाने और पानी की मात्रा कम करने के साथ ही संस्था में रिसर्च और डेवलपमेंट लैब खोलने की भी बात कही।
विश्वविद्यालय अध्यक्ष डॉ महेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चिरकाल तक जो सनातन रहे शाश्वत रहे की रिश्ता ही रहे वही सतत विकास है रिसर्च का तात्पर्य तो यही है कि जो विद्यमान है उसे ढूंढना पड़ेगा। यदि हमने परिश्रम पूर्वक उसे ढूंढ दिया तो मानो हमने अपने विकास का लक्ष्य पा लिया। संस्थान के कुलसचिव मोहब्बत सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर शक्ति सिंह कारोही, नवल सिंह चुंडावत, महेंद्र सिंह चुंडावत, युवराज सिंह राठौड़ एवं दिलीप सिंह दूधोड़ सहित अन्य सभी संकायों के अधिष्ठाता एवं डायरेक्टर्स उपस्थित रहे। अधिष्ठाता डॉ. रेणू राठौड़ ने बताया कि कीनोट स्पीकर यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, इस्टर्न शोर यूएसए के प्रो. दिनेश के शर्मा ने डिजाइनिंग ऑल बेस्ट सिस्टम फॉर स्टॉक मार्केट फोरकास्टिंग विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। डायरेक्टर डॉ. मूरे वुड्स लॉजिकल एनालिसिस प्राइवेट लिमिटेड भी ऑनलाइन मोड पर इस संगोष्ठी से जुड़े रहे। प्रबंध संकाय निदेशक डॉ. रजनी अरोड़ा ने भी विचार रखे। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता से डॉ. राम प्रहलाद चौधरी ंने “इंडियन इकोनॉमिक पर एआई का प्रभाव“ विषय पर विस्तृत चर्चा की। कंप्यूटर विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक चपलोत ने कार्यक्रम में उपयोगी बताया। इस संगोष्ठी में प्रबंधन संकाय एवं कंप्यूटर विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसमें 35 से अधिक पोस्टर शामिल थे। प्रबंधन संकाय में बेस्ट पोस्टर के लिए सुश्री रितिका राठौड़ को पुरस्कार दिया। कंप्यूटर विज्ञान संकाय में बेस्ट पोस्टर के लिए सुश्री प्रिया शर्मा, श्रीमती डॉ. निशा तंवर, श्री नरेश माली को पुरस्कार दिया गया। प्रबंधन संकाय मे बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन के लिए सुश्री प्रियंका गोस्वामी को दिया गया इसी प्रकार कंप्यूटर विज्ञान संकाय में बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन का पुरस्कार गोविंदा पाटिल एवं डॉ. विवेक चपलोत को दिया गया। आयोजन सचिव डॉ. खातून कत्थावाला ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। समन्वयक डॉ. प्रियंका शक्तावत नें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों का वाचन किया। डॉ. सुत्तिक्षण सिंह राणावत ने भी विचार रखे। आयोजन सचिव डॉ. शुभी धाकड़ ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रवीणा राठौड़ ने किया।

 

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