कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की भी दी जा रही जानकारी
उदयपुर, 28 दिसम्बर। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान कृषि विभाग की ओर से किया ड्रोन प्रदर्शन ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। शिविरों में ड्रोन के माध्यम से नेनो यूरिया छिड़काव की विधि का प्रदर्शन किया जा रहा है जिसे किसान काफी प्रभावित हो रहे हैं। विभाग के अधिकारी इस अवसर पर नेनो यूरिया का फसलों के लिए महत्व बता रहे हैं साथ ही प्राकृतिक खेती सहित अन्य विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
कृषि विभाग के सहायक निदेशक श्याम लाल सालवी ने बताया कि विभाग की ओर से जिले में दो ड्रोन उपलब्ध करवाए गए है जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान नेनो यूरिया छ़ड़िकाव का डेमो दिया जा रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसानों का काम काफी आसान हो गया है। बड़े रकबे पर दवा छिड़काव के लिए ड्रोन काफी फायदेमंद है। इससे न केवल किसानों के समय की बचत होती है बल्कि छिड़काव के दौरान फसलों को नुकसान भी नहीं होता। सालवी ने बताया कि अब तक झाड़ोल, गिर्वा, भींडर, वल्लभनगर, खैरवाड़ा पंचायत समितियों में आयोजित शिविरों में यह प्रदर्शन किया जा चुका है। शिविर स्थल के पास ही किसी खेत में यह डेमो दिए जा रहे हैं। इस दौरान हजारों ग्रामीणों ने इस नई टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन देखा और इससे प्रभावित हुए। सालवी ने बताया कि नेनो यूरिया फसलों के लिए बहुत आवश्यक है। किसान 4 मिलीलीटर नेनो यूरिया प्रतिलीटर पानी में घोलकर फसलों पर छिड़काव करें तो फसली बीमारियों को दूर रखा जा सकता है और उत्पादन भी अधिक होता है। किसान अपने खेत में पावर स्प्रे, बैटरी स्प्रे या ट्रेक्टर चालित स्प्रे के माध्यम से भी नेनो यूरिया छिड़काव कर सकते हैं।
यह है ड्रोन की तकनीकी विशेषताएं
केवीके बड़गांव के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ प्रफुल भटनागर ने बताया की यह कृषि ड्रोन मेक इन इंडिया है तथा प्रतिदिन लगभग 50 एकड़ खेतों में छिडकाव के लिए सक्षम है। यह एक एकड़ क्षेत्र को छिडकाव करने में अधिकतम 10 मिनट का समय लेता है।
संस्थान के विषय विशेषज्ञ अभियांत्रिकी हंसमुख गेहलोत ने बताया की कृषि ड्रोन से 90 प्रतिशत जल एवं 75 प्रतिशत उर्वरकों तथा कीटनाशकों की बचत होती है। इसकी बैटरी हरित उर्जा पर आधारित है तथा एक बार चार्ज करने पर 2 से 3 एकड़ क्षेत्र में छिडकाव कर सकते है। इसकी बैटरी को चार्ज करने में लगभग 35 से 40 मिनट का समय लगता है।