पद्मश्री अनवर खां ने ‘केसरिया बालम…’ से बांधा समां-
विश्व प्रसिद्ध मांगणियार गायक पद्मश्री अनवर खां एंड पार्टी ने सूफी और लोक गीतों की इतनी बेजोड़ प्रस्तुतियां दी कि तमाम श्रोता झूम उठे। उन्होंने निंबूड़ा.. निंबूड़ा—निंबूड़ा, छाप तिलक सब छीन ली… और दमादम मस्त कलंदर से शिल्पग्राम में समां बांध दिया। इसके अलावा मांगणियार ग्रुप ने इस प्रस्तुति के दौरान मांगणियार वाद्य यंत्रों कमायचा और सारंगी की शानदार संगत के साथ ही खरताल, मोरचंग और ढोलक की जुगलबंदी से खूब वाहवाही लूटी। इस दौरान कालबेलिया डांस की परफोरमेंस ने दर्शकों काे मंत्रमुग्ध कर दिया।
दिलीप भट्ट के ‘तमाशा’ ने रिझाया-
जयपुर की 200 वर्ष पुरानी तमाशा शैली शिल्पग्राम में उस वक्त जीवंत हो गई, जब जयपुर के कलाकार दिलीप भट्ट ने इस गायन शैली की परंपरागत कॉस्ट्यूम में परफॉर्म किया। ‘तमाशा’ में भगवान शिव के महात्म्य को गायन और भाव भंगिमाओं के साथ बहुत ही खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। उन्होंने ‘काले भुजंग सिर धरे, इक जोगी आयो… हर हर महादेव शंभू, काशी विश्वनाथ शंभू…’ भजन पर शिव के विभिन्न रूपों को जहां भाव भंगिमाओं से सजीव कर दिया, वहीं शंकर के तप और त्याग का भावपूर्ण प्रदर्शन कर दर्शकों को खूब रिझाया।
सम्मानित किए गए कलाकार-
सभी परफोरमेंस के बाद पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता एवं मुख्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने पोर्टफोलियो प्रदान किया तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
मेहंदी प्रतियोगिता में रौनक सोनी रही प्रथम-
शिल्पग्राम उत्सव के अंतर्गत मंगलवार को मुक्ताकाशी मंच के प्रांगण में आयोजित मेहंदी प्रतियोगिता में 25 प्रतिभागियों ने शिरकत की। प्रतियोगिता की जज डॉ. दीपिका माली, ज्योतिका राठौड़ और शीतल गुनेचा ने सभी प्रतियोगियों का क्रिएशन देख परिणाम घोषित किया। इसमें रौनक सोनी प्रथम, कविता कुमावत द्वितीय और लक्ष्मी लोधी तीसरे स्थान पर रहीं। इन्हें प्रशस्ति पत्र और क्रमश: 5000, 3000 और 2000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया। वहीं, सांत्वना पुरस्कार में उर्मिला वैष्णव, ममता सोनी, धर्निका सुथार, शिल्पा और हितिषा आमेटा को एक-एक हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।