उदयपुर, 25 दिसम्बर। असम के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आमजन का शासन के प्रति विश्वास बढे और लोगों को सुशासन का मन से अनुभव हो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सच्चा स्मरण है।
श्री कटारिया सोमवार को नगर निगम के पं दीनदयाल सभागार में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने श्री वाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश सेवा में समर्पित कर दिया। बतौर जनप्रतिनिधि उन्होंने पक्ष और विपक्ष दोनों ही भूमिकाओं में उच्च आदर्श स्थापित किए। उनके जीवन से शुचिता, सौम्यता जैसे गुणों को सीखते हुए आमजन को सुशासन उपलब्ध कराना प्रत्येक जनप्रतिनिधि और लोक सेवक की जिम्मेदारी है। प्रारंभ में श्री कटारिया सहित शहर विधायक ताराचंद जैन, नगर निगम के महापौर गोविन्द टांक, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, उप महापौर पारस सिंघवी, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली आदि अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर श्री वाजपेयी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। श्री कटारिया ने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कार्मिकों को सुशासन के उच्चतम मापदण्ड स्थापित करने, शासन को अधिक पारदर्शी, सहभागी, जनकल्याण केंद्रित और जवाबदेह बनाने की शपथ दिलाई। इससे पूर्व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़, एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी आदि ने राज्यपाल श्री कटारिया सहित सभी अतिथियों का पगड़ी पहनाकर व उपरणा ओढ़ा कर स्वागत किया। कार्यक्रम में कवि हिम्मतसिंह ने श्री वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता गीत नया गाता हूं का वाचन किया। साथ ही स्वरचित कविता भारती के रत्न थे, सारथी साहित्य के थे…. के माध्यम से श्री वाजपेयी के व्यक्तित्व को उद्घाटित किया। डाईट व्याख्याता हरिदत्त शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। अंत में आभार सीईओ जिला परिषद तथा कार्यक्रम की नोडल अधिकारी कीर्ति राठौड़ ने व्यक्त किया। संचालन कांतिलाल मेघवाल ने किया।
उधर, प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर भी सुशासन दिवस मनाया गया। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, कार्मिकों ने भाग लेकर सुशासन की शपथ दोहराई।