सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (फाइल)
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सिक्किम में अक्तूबर महीने में अचानक आई बाढ़ में 77 लोग लापता हो गए थे। इन लोगों को सरकार ने मृत मान लिया है। सिक्किम सरकार के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने बताया कि अब इन लापता लोगों के जिंदा लौटने की आशा खत्म हो चुकी है। 77 लोगों की मौत की पुष्टि के बाद अब इन पीड़ित परिवारों को सरकार की तरफ से नियमानुसार आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि 4 अक्तूबर को अचानक आई बाढ़ में बहे 77 लोगों की तलाश का हरसंभव प्रयास किया गया, लेकिन दो महीने बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। उन्होंने कहा, बाद में दो शव बरामद हुए, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी। शनिवार को उन्होंने पीड़ित परिवारों की मदद के तरीके पर कहा, ‘उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपनाई गई प्रक्रिया का पालन कर मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा, सिक्किम सरकार 4 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है। पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही परिवार मुआवजे का लाभ उठा सकेंगे। सरकार जनवरी तक सभी लापता व्यक्तियों के मामले निपटा लेगी, ऐसी उम्मीद है। बता दें कि करीब दो महीने पहले तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है। बाढ़ और बारिश से जुड़े हादसे में कम से कम 46 लोगों की मौत हुई थी।
सिक्किम सरकार के मुख्य सचिव ने कहा, पीड़ित परिवारों को पहले पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद प्रक्रिया के अनुसार समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और सरकारी गजट पर सूचना प्रकाशित होगी। इससे पहले विभिन्न स्तरों पर गहन जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, अगर सिक्किम के बाहर का कोई व्यक्ति लापता हुआ है, तो परिवार अपने गृह राज्य में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराएगा। पुलिस की जांच के लिए मामला यहां स्थानांतरित किया जाएगा।